बेंगलुरु के पूरना प्रज्ञा लेआउट में एक 33 वर्षीय महिला की कथित हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार, यह घटना एक ओयो होटल में हुई, जहां महिला और उसका प्रेमी दोनों मौजूद थे। महिला का नाम हरिनी बताया गया है, जबकि आरोपी का नाम यशास है, जो 25 साल का एक टेक्नीशियन है। दोनों ही केंगेरी के रहने वाले हैं।
पुलिस ने बताया कि दोनों करीब एक साल से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन पिछले दो महीने से हरिनी अपने प्रेमी से दूरी बना रही थी। यशास को इस बात से गुस्सा आया और उसने reportedly उसे चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
घटना की जानकारी और पुलिस की कार्रवाई
यह घटना सुब्रमण्यपुरा पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में हुई। हरिनी की लाश दो दिन बाद होटल के कमरे से मिली। पुलिस ने यशास को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है। डीसीपी साउथ लोकेश जगलासर ने बताया कि आरोपी ने खुद भी हत्या की बात कबूल कर ली है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
एक और दिल दहला देने वाला मामला: पत्नी की हत्या कर बॉडी सूटकेस में बंद कर फरार हुआ पति
बेंगलुरु पुलिस ने मार्च में एक और केस में एक टेक्नीशियन को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने अपनी 32 वर्षीय पत्नी गौरी अनिल संबेखर की हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पत्नी का शव सूटकेस में बंद कर फरार होने की कोशिश की।
अधिकारी बताते हैं कि आरोपी ने जहरीली दवा खाकर फोन के जरिए पत्नी के माता-पिता को हत्या की बात बताई थी। गौरी का बैकग्राउंड मास मीडिया में था और वह बेरोजगार थीं।
यह कपल महाराष्ट्र से बेंगलुरु आया था और डोड्डाकनहल्ली, हुलीमाव पुलिस स्टेशन के इलाके में पिछले दो महीने से रह रहा था।
दोनों मामलों से उठते सवाल
दोनों घटनाओं ने बेंगलुरु में घरेलू हिंसा और रिश्तों में तनाव की गंभीर समस्या को उजागर किया है। खासकर टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े युवाओं के बीच यह चिंताजनक ट्रेंड दिख रहा है।
रिश्तों में बढ़ते तनाव, भावनात्मक दूरी, और गुस्से को सही तरीके से संभाल न पाना अक्सर हिंसा का कारण बन जाता है। पुलिस और समाज दोनों को इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
पुलिस का संदेश और समाज की भूमिका
पुलिस ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति रिश्तों में तनाव महसूस करता है या खुद को असुरक्षित महसूस करता है, तो वह तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
साथ ही, परिवार और दोस्तों को भी इस प्रकार के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए ताकि समय रहते मदद की जा सके।
बेंगलुरु में टेक्नोलॉजी क्षेत्र से जुड़े कई युवा पेशेवर रहते हैं, लेकिन इनके निजी जीवन में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। दोनों घटनाएं यह दिखाती हैं कि भावनात्मक समस्याओं को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।
साथ ही, महिलाओं की सुरक्षा और घरेलू हिंसा रोकने के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।