राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनीतिक प्रतिनिधित्व) आयोग अगले तीन महीनों में पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को सौंपेगा। यह जानकारी आयोग के सचिव (सलाहकार) अशोक कुमार जैन ने दी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत चल रहा काम
राज्य चुनाव आयोग को भेजे पत्र में जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, आयोग को ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी की मौजूदा स्थिति और उनके सामाजिक पिछड़ेपन पर आधारित सटीक और ठोस जांच करनी है। इसी के आधार पर आयोग सरकार को समय सीमा के भीतर सिफारिशें सौंपेगा।
जमीनी स्तर पर जुटाई जा रही जानकारी
आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। राज्य भर में ओबीसी परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। साथ ही ओबीसी से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले संस्थानों, राजनीतिक दलों और शोधकर्ताओं से बातचीत के जरिए जरूरी आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।
तीन महीने में तैयार होगी रिपोर्ट
पत्र में यह भी कहा गया है कि आयोग लगभग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप देगा, ताकि पंचायती राज और शहरी निकाय चुनावों में हर स्तर पर ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
पंचायती राज चुनाव नजदीक, कई पंचायतों का कार्यकाल खत्म
राज्य में निकट भविष्य में पंचायती राज चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, 6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो चुका है। वहीं, 704 पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2025 में और 3,847 पंचायतों का कार्यकाल सितंबर-अक्टूबर 2025 में पूरा हो जाएगा। इन सभी के लिए आम चुनाव कराए जाने की तैयारी चल रही है।