आइपीएल 2025 के लिए BCCI ने दो बड़े निर्णय लिए हैं—लार के इस्तेमाल पर आरोप लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है और नई गेंद 11वें ओवर के बाद दी जाएगी। ये बदलाव क्रिकेट के खेल को और भी संतुलित बनाने के लिए किए गए हैं।
अब ओस का फायदा नहीं मिलेगा
रात के मैचों में ओस की वजह से बल्लेबाजों को फायदा मिलता था, जिससे टॉस जीतने वाली टीम को बढ़त मिल जाती थी। इस समस्या को दूर करने के लिए BCCI ने दूसरी पारी में 11वें ओवर के बाद एक नई गेंद देने का फैसला किया है। इससे गेंदबाजों को बेहतर स्विंग और ग्रिप मिलेगी, जिससे मुकाबला अधिक संतुलित रहेगा।
लार पर से प्रतिबंध क्यों हटाया गया?
ICC ने कोरोना महामारी के समय लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब हालात सामान्य हो जाने के बाद इसको हटाने की मांग शुरू होने लगी थी। भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी लंबे समय से इस प्रतिबंध को हटाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में दुबई में खेले गए एक मैच के बाद उन्होंने कहा था, “हम हमेशा अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि हमें लार का इस्तेमाल करने दें ताकि स्विंग और रिवर्स स्विंग का फायदा मिल सके।” उनके इस बयान का समर्थन वर्नोन फिलेंडर और टिम साउदी जैसे दिग्गज गेंदबाजों ने भी किया।
अंपायर लेंगे गेंद बदलने का फैसला
बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि गेंद बदली जाएगी या नहीं, इसका फैसला अंपायर करेंगे। अगर ओस अधिक होगी, तो अंपायर नई गेंद दे सकते हैं, लेकिन यह नियम सिर्फ रात के मैचों में लगेगा। दोपहर के मैचों में नई गेंद नहीं दी जाएगी।
आइपीएल 2025 के इन परिवर्तनों से खेल का रोमांच और अधिक बढ़ेगा, जैसे ही गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच संतुलन भी बना रहेगा।