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पारंपरिक पदोन्नति प्रणाली हुई पुरानी: Shark Tank के अनुपम मित्तल की खरी-खरी

अनुपम मित्तल ने पारंपरिक पदोन्नति प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब केवल वरिष्ठता के बजाय तेज़ी, स्वामित्व और नवाचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि सफलता के लिए स्मार्ट और प्रभावी काम करना ज़रूरी है, न कि सिर्फ़ लंबे समय तक काम करना।

नई दिल्ली। Shaadi.com के संस्थापक और Shark Tank India के जज अनुपम मित्तल ने हाल ही में पारंपरिक पदोन्नति प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि अब केवल वरिष्ठता और वफादारी के आधार पर तरक्की देना व्यावहारिक नहीं रह गया है।

क्या बोले अनुपम मित्तल?

एक LinkedIn पोस्ट में मित्तल ने कहा कि आज का दौर तेज़ी, नवाचार और स्वामित्व (Ownership) का है। अब सिर्फ़ काम के घंटे गिनने से ज़्यादा ज़रूरी यह है कि कोई कर्मचारी संगठन के लक्ष्यों को किस हद तक आगे बढ़ा रहा है।

क्या पारंपरिक तरीका अब बेकार है?

अनुपम मित्तल ने स्पष्ट किया कि कंपनियों को उन कर्मचारियों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो खुद आगे बढ़ने की मानसिकता रखते हैं। उनका कहना है कि पारंपरिक “समय के साथ पदोन्नति” का मॉडल अब अप्रासंगिक होता जा रहा है, और जो लोग इस बदलाव को नहीं अपनाएंगे, वे पीछे रह जाएंगे।

नए युग में कैसे मिलेगी तरक्की?

मित्तल के अनुसार, जो कर्मचारी तेजी से निर्णय लेने, ज़िम्मेदारी निभाने और व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ अपने कार्य को जोड़ने में सक्षम हैं, वे ही आगे बढ़ेंगे। आज के प्रतिस्पर्धात्मक कॉर्पोरेट माहौल में केवल मेहनत नहीं, बल्कि स्मार्ट और असरदार काम करना ही सफलता की कुंजी है।

बदलते श्रम बाजार को देखते हुए, अब कर्मचारियों और कंपनियों—दोनों को अपनी सोच और रणनीतियों में बदलाव लाने की जरूरत है।

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