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सुप्रीम कोर्ट ने गंगा किनारे अतिक्रमण के मुद्दे पर केंद्र और बिहार सरकार से पूछा: “इन अवैध निर्माणों को कब तक और कैसे हटाया जाएगा?”

सुप्रीम कोर्ट ने गंगा किनारे अतिक्रमण पर केंद्र और बिहार सरकार से रिपोर्ट मांगी। अदालत ने पूछा—अवैध निर्माण कितने हैं, इन्हें हटाने के लिए कौन से कदम उठाए गए और कब तक इन्हें हटाया जाएगा?

अदालत ने गंगा के आसपास हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर गंभीर चिंता जताई। जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने दोनों सरकारों को इन अतिक्रमणों की वर्तमान स्थिति के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए मौजूदा स्थिति और उन्हें हटाने की योजना पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि इन निर्माण  को कौन से विशिष्ट कदम से हटाए जाएंगे और इसमें क्या समयसीमा तय की गई है।

पीठ ने दो अप्रैल को दिए आदेश में कहा, “हम चाहते हैं कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार उचित रिपोर्ट दाखिल करें, ताकि मामले में आगे बढ़ा जा सके।”

यह सुनवाई पटना के निवासी अशोक कुमार सिन्हा की याचिका पर हो रही थी, जिन्होंने गंगा के तट पर डूब क्षेत्रों पर अवैध निर्माण और स्थायी अतिक्रमण के खिलाफ याचिका दायर की थी। सिन्हा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने इन अतिक्रमणों की गहराई से जांच किए बिना आदेश पारित कर दिया था।

याचिकाकर्ता के वकील आकाश वशिष्ठ ने अदालत को बताया कि गंगा के किनारे के डूब क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण किए गए हैं, जिनमें रिहायशी बस्तियां, ईंट भट्टे और धार्मिक ढांचे शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन अतिक्रमणों पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट अब चार सप्ताह बाद इस मामले की अगली सुनवाई करेगा, जिसमें सरकारों द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर विचार होगा।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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