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हाइब्रिड धान पर पंजाब सरकार की रोक: किसान क्यों करते हैं इसका इस्तेमाल, और सरकार ने क्यों लगाया बैन?

हाइब्रिड धान पर पंजाब सरकार की रोक से किसान और विशेषज्ञ आमने-सामने हैं। सरकार OTR और कीमत को जिम्मेदार मानती है, जबकि किसान इसे विकल्पों की आज़ादी पर हमला बता रहे हैं।

पंजाब सरकार ने राज्य में हाइब्रिड धान के बीजों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि ये बीज किसानों को महंगे दामों पर बेचे जा रहे थे और इनसे उत्पादित चावल की मिलिंग के समय ज्यादा टूट-फूट होती है, जो भारतीय खाद्य निगम (FCI) के तय मानकों से ज्यादा है। सरकार के अनुसार, इन दो कारणों से किसानों को अपनी उपज की कम कीमत मिल रही है। हालांकि, कई किसान और कृषि विशेषज्ञ इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

किसान हाइब्रिड बीज क्यों पसंद करते हैं?

पंजाब में खेती के लिए आधिकारिक रूप से 8 तरह की हाइब्रिड धान की किस्में स्वीकृत हैं, जिनमें बेयर, सवाना, कार्टेवा और VNR जैसी प्राइवेट बीज कंपनियों के नाम शामिल हैं।
किसानों के अनुसार, हाइब्रिड किस्में तुलनात्मक तौर पर पारंपरिक धान की किस्मों से श्रेष्ठ होती हैं। ये किस्में:

  • जल्दी पकती हैं
  • कम पानी की जरूरत होती है
  • प्रति एकड़ 5-6 क्विंटल तक अधिक उपज देती हैं
  • पराली भी कम पैदा करती हैं

किसानों के लिए यह लाभकारी विकल्प बन गया है क्योंकि इससे समय, संसाधन और मेहनत की बचत होती है।

सरकार ने बैन क्यों लगाया?

2024-25 खरीफ सीजन में पंजाब के राइस मिलर्स ने हाइब्रिड चावल की खरीदने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि इन किस्मों का आउट टर्न रेश्यो (OTR), जो चावल उत्पादन का मापदंड है, FCI द्वारा निर्धारित न्यूनतम मापदंड 67% से कम, यानी केवल 60-63% तक पहुंच रहा था।

मिलर्स के अनुसार, कम OTR का अर्थ है कि उन्हें आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ता है। पिछली बार सरकार को काफी विरोध झेलना पड़ा और बड़ी मुश्किल से मिल मालिकों को समझौते के लिए तैयार किया गया। इस बार सरकार ने बुवाई से पहले ही बीजों पर रोक लगाकर विवाद से बचने की कोशिश की है।

क्या वाकई OTR बीज की वजह से कम होता है?

  • कृषि विशेषज्ञों की मानें, तो OTR कम होने के पीछे बीज नहीं, बल्कि फसल की कटाई और उसके बाद की देखभाल जिम्मेदार होती है।
  • यदि धान की कटाई अधिक नमी (22-23%) पर की जाती है,
  • तो सुखाने और मिलिंग के समय प्रक्रिया पूरी नहीं होती,
  • या मिलें पुरानी हों, तो चावल में टूट-फूट ज़्यादा होती है।
  • इसके कारण OTR कम हो जाता है और मिलिंग में नुकसान होता है।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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