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बिहार में भ्रष्टाचार: तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर लगाए संगठित लूट के आरोप

बिहार में भ्रष्टाचार पर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा। चुनावी प्रचार, नल जल योजना, और करोड़ों की बरामदगी पर सवाल उठाए। जनता के पैसों से हो रहा है प्रचार।

बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पटना में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार की नीतियों, योजनाओं और आर्थिक प्रबंधन पर तीखे सवाल उठाए। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनावी खर्च तक जनता के पैसों से उठाया जा रहा है। ग्लोबल टेंडर के जरिए ठेकेदारों से वसूली हो रही है, लेकिन स्थानीय ठेकेदारों को पूरी तरह नजरअंदाज़ किया जा रहा है।

तेजस्वी यादव ने बताया कि 2025-26 का बजट 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 38 हजार करोड़ अधिक है। इसमें से 1 लाख 16 हजार करोड़ स्कीम इकोएंडेचर के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन स्पष्ट नहीं किया गया कि इसमें पिछले साल की राशि भी जोड़ी गई है या नहीं। उनका सवाल था, “अगर पुरानी योजनाओं की राशि इसमें शामिल है, तो नई योजनाओं के लिए पैसा कहां से आएगा?”

उन्होंने दावा किया कि बिहार सरकार का कुल कर्ज 4 लाख 6 हजार करोड़ रुपये है और 25 से 30 हजार करोड़ केवल ब्याज चुकाने में खर्च हो रहा है। तेजस्वी ने केंद्र से भी सवाल किया कि इतने भारी कर्ज में केंद्र सरकार ने बिहार की कितनी मदद की है।

तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दस्तावेज दिखाते हुए नीतीश कुमार की यात्रा योजनाओं पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि 2 अरब 25 करोड़ रुपये केवल यात्रा और महिला संवाद कार्यक्रम के प्रचार में खर्च किए गए हैं। डिजिटल रथ बुलाकर जदयू जनता के पैसे से चुनावी प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि “600 रथों के जरिए प्रचार करवाया जा रहा है, जिन्हें खुद मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाई।”

बिहार में भ्रष्टाचार की बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि नल जल योजना में भी जमकर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि 5000 ऐसे पुल बनाए गए हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं है, क्योंकि उनके लिए एप्रोच रोड ही नहीं बनाए गए। उन्होंने पूछा, “बिना एप्रोच रोड के पुल बनाने का फैसला किसने लिया?”

उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के होते हुए भी भ्रष्ट अधिकारियों और इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। “रेड में करोड़ों रुपये बरामद हो रहे हैं, लेकिन कोई केस नहीं किया जा रहा है। जिन इंजीनियरों के घरों से नकदी मिली, उन्हें रिटायरमेंट के बाद भी एक्सटेंशन दिया जा रहा है। क्या ये संगठित अपराध नहीं है?”

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तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में संगठित भ्रष्टाचार ने अब सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आम जनता रिश्वतखोरी और दलाली से त्रस्त है। पुलिस, CO और BDO स्तर पर भी भ्रष्टाचार चरम पर है।

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