दिल्ली सरकार ने हाल ही में कोविड-19 को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है और अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा है। इसकी वजह ये है कि दिल्ली में हाल ही में 23 पॉजिटिव केस मिले हैं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हालात पूरी तरह कंट्रोल में हैं और घबराने वाली कोई बात नहीं है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने कहा, फिलहाल जो केस आ रहे हैं, वो बहुत कम हैं और उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं है। अभी तक किसी को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
उन्होंने ये भी कहा, हमने अब तक कोई सीरियस मरीज नहीं देखा है और ICU की आवश्यकता भी नहीं पड़ी है। जो डर का माहौल बनाया जा रहा है, वो सही नहीं है।
सर गंगाराम अस्पताल में पीडियाट्रिक ICU के को-डायरेक्टर डॉ. धीरन गुप्ता ने बताया, साउथ ईस्ट एशिया में जरूर कोविड केस बढ़े हैं। हमारे यहां कुछ लोग बुखार, बदन दर्द और सर्दी की शिकायत लेकर आ रहे हैं, इसलिए अब टेस्टिंग फिर से शुरू की जा सकती है।
डॉ. गुप्ता ने कहा, 2022 से अब तक ज्यादातर लोगों को कोई बड़ी दिक्कत नहीं हुई, बस एक साल से छोटे बच्चों में थोड़ी परेशानी दिखी थी, खासकर जब ओमिक्रॉन आया था।
सरकार की नई एडवाइजरी में क्या है:
दिल्ली के हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को तैयारी पूरी रखने को कहा है। इसमें बेड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं का इंतजाम शामिल है।
- हर पॉजिटिव सैंपल को लोक नायक अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा, ताकि किसी नए वेरिएंट का पता चल सके।
- अस्पतालों को वेंटिलेटर, BiPAP, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरण चालू हालत में रखने और स्टाफ को फिर से ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए गए हैं।
- ILI (इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण) और SARI (गंभीर सांस की दिक्कत) के मामलों को रोज IHIP पोर्टल पर रिपोर्ट करना जरूरी है।
- कोविड टेस्टिंग गाइडलाइंस के मुताबिक, ILI के 5% और SARI के 100% केस की जांच होनी चाहिए।
देश में कोविड की मौजूदा स्थिति:
19 मई 2025 तक पूरे देश में सिर्फ 257 एक्टिव केस हैं, जो भारत की जनसंख्या के हिसाब से बहुत ही कम हैं। ये सारे मामले हल्के हैं और किसी को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।
केंद्र सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है और हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि अब कोविड को एक आम वायरल बीमारी की तरह देखा जा रहा है। लेकिन साफ-सफाई, भीड़ से बचाव और हॉस्पिटल्स में मास्क पहनने जैसी बेसिक सावधानियां अभी भी जरूरी हैं।