उत्तराखंड पंचायत चुनाव को लेकर तस्वीर अगले हफ्ते तक साफ हो सकती है। खासतौर पर ओबीसी आरक्षण को लेकर 11 जून को सरकार कोई अहम फैसला ले सकती है।
सरकार ने बनाई उपसमिति, रिपोर्ट तैयार
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि इस मुद्दे पर सरकार ने एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाई है, जिसने पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण से जुड़ी रिपोर्ट का गहराई से अध्ययन किया है। यह रिपोर्ट अब 11 जून को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव के तौर पर पेश हो सकती है।
मनवीर चौहान के मुताबिक, जैसे ही आरक्षण पर स्थिति साफ होगी, चुनाव कराए जाएंगे। पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
कौन हैं उपसमिति में शामिल
हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल को इस उपसमिति का चेयरमैन बनाया गया है। समिति में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या और सौरभ बहुगुणा को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। शनिवार को समिति ने समर्पित आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की।
क्या कहती है रिपोर्ट
- पहले ओबीसी को 14% आरक्षण मिलता था
- आयोग ने मौजूदा व्यवस्था खत्म करने की सिफारिश की
- एससी को 18% और एसटी को 4% आरक्षण तय
- ओबीसी को अब 28% से ज्यादा आरक्षण नहीं मिलेगा
- कुल आरक्षण सीमा 50% से ज्यादा नहीं होगी
2011 की जनगणना के आधार पर होंगे चुनाव
राज्य के 12 जिलों की करीब 7600 पंचायतों (हरिद्वार को छोड़कर) में चुनाव कराने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। ओबीसी आरक्षण की अधिकतम सीमा 28% रखी जाएगी और चुनाव 2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से कराए जाएंगे।
उपसमिति अब रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर जल्द मुख्यमंत्री को सौंपेगी। ज़ी न्यूज़ के मुताबिक, 11 जून की कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।