पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि किसी व्यक्ति को ओबीसी का दर्जा देने का एकमात्र आधार उसका पिछड़ापन है।
उन्होंने साफ किया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैला रहे हैं, लेकिन ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, ममता ने बताया कि राज्य में ओबीसी दर्जे का फैसला सिर्फ पिछड़ेपन के आधार पर होता है। सरकार द्वारा बनाया गया एक आयोग 50 नए उप-वर्गों को ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए सर्वे कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 49 उप-वर्गों को ओबीसी-ए और 91 को ओबीसी-बी श्रेणी में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ज्यादा पिछड़े लोग ओबीसी-ए में और कम पिछड़े लोग ओबीसी-बी में शामिल किए गए हैं।
यह बयान उन्होंने 2024-25 के लिए पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की वार्षिक रिपोर्ट सदन में पेश करने के बाद दिया।
ममता ने कहा कि सभी समावेशन गहन क्षेत्र सर्वेक्षणों और आयोग की सिफारिशों के आधार पर किए गए हैं।
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