रविवार को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद के लिए रवाना हुई लुफ्थांसा की फ्लाइट LH752 ने जैसे ही पश्चिमी जर्मनी के हवाई अड्डे से उड़ान भरी, सब कुछ सामान्य था। यह विमान, बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर, दोपहर 2:15 बजे उड़ान भर चुका था और सोमवार सुबह 6 बजे हैदराबाद पहुंचने की योजना थी। लेकिन उड़ान के कुछ समय बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को एक संदिग्ध बम धमकी की सूचना मिली। इस धमकी के बाद फ्लाइट के पायलट और एयरलाइन प्रबंधन ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए विमान को वापस फ्रैंकफर्ट लौटाने का फैसला किया। यह निर्णय यात्रियों और क्रू की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया, क्योंकि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया
जैसे ही बम की धमकी की सूचना मिली, राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, हैदराबाद के ATC को भी अलर्ट कर दिया गया। फ्लाइट ने अभी भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया था, इसलिए पायलट के पास वापस लौटने का पर्याप्त समय था। विमान को फ्रैंकफर्ट एयरस्पेस में सुरक्षित रूप से उतारा गया। लैंडिंग के बाद एयरपोर्ट पर पहले से ही बम डिस्पोजल स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे। सभी यात्रियों और क्रू को विमान से सुरक्षित बाहर निकाला गया और उन्हें एयरपोर्ट के सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया। इसके बाद विमान की गहन तलाशी शुरू हुई, जिसमें बम डिटेक्शन डॉग्स, मेटल डिटेक्टर और एक्स-रे स्कैनर का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान यात्रियों को खाने-पीने और मेडिकल सहायता भी उपलब्ध कराई गई।
यात्रियों की प्रतिक्रिया और एयरलाइन की जिम्मेदारी
ऐसी घटनाओं में सबसे ज्यादा तनाव यात्रियों को झेलना पड़ता है। कई यात्री पहली बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर रहे थे, कुछ बिजनेस ट्रिप पर थे, तो कुछ परिवार के साथ छुट्टियों पर जा रहे थे। अचानक विमान के वापस लौटने और बम की धमकी की खबर से यात्रियों में घबराहट फैल गई। हालांकि, एयरलाइन स्टाफ ने यात्रियों को शांत रखने और हर अपडेट देने की पूरी कोशिश की। लुफ्थांसा ने बयान जारी कर कहा कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी तरह की धमकी या सुरक्षा खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता। सभी यात्रियों को सुरक्षित रखा गया है और जांच के बाद ही आगे की यात्रा के बारे में फैसला लिया जाएगा। एयरलाइन ने यात्रियों को हर अपडेट देने और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक फ्लाइट उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है।
बम धमकी की जांच: क्या होती है प्रक्रिया?
जब किसी विमान में बम की धमकी मिलती है, तो एयरलाइन, पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर एक तय प्रोटोकॉल के तहत काम करती हैं। सबसे पहले विमान को सुरक्षित रूप से उतारा जाता है और सभी यात्रियों को बाहर निकाला जाता है। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वॉड विमान की पूरी तरह तलाशी लेता है, सीट्स, लगेज, कॉकपिट, केबिन, कार्गो होल्ड, वॉशरूम आदि हर जगह जांच होती है। यात्रियों और क्रू के सामान की भी जांच की जाती है। अगर कोई संदिग्ध वस्तु मिलती है तो उसे निष्क्रिय किया जाता है, और अगर कुछ नहीं मिलता तो भी विमान को कुछ घंटों तक ग्राउंडेड रखा जाता है। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश करती हैं कि धमकी किसने, कैसे और क्यों दी। कई बार यह सिर्फ अफवाह या मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति की शरारत होती है, लेकिन जांच पूरी होने तक कोई जोखिम नहीं लिया जाता।
ऐसी घटनाओं का इतिहास और एयरलाइन इंडस्ट्री पर असर
बम की धमकी या सुरक्षा अलर्ट के कारण विमान का लौटना कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें बम की झूठी धमकियों के कारण हवाई यात्रियों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी है। 2022 में भी एक यूरोपीय एयरलाइन की फ्लाइट को इसी तरह वापस लौटना पड़ा था, जिसमें बाद में कोई बम नहीं मिला। ऐसी घटनाओं का असर न सिर्फ यात्रियों के अनुभव पर पड़ता है, बल्कि एयरलाइन की छवि, संचालन लागत और शेड्यूलिंग पर भी भारी दबाव आता है। हर बार विमान की जांच, यात्रियों की सुरक्षा, वैकल्पिक फ्लाइट्स की व्यवस्था और क्लीयरेंस में लाखों रुपये खर्च होते हैं। इसके अलावा, यात्रियों का भरोसा भी प्रभावित होता है।
सुरक्षा सर्वोपरि, सतर्कता ही बचाव
लुफ्थांसा फ्लाइट LH752 की घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि हवाई यात्रा में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। चाहे धमकी झूठी हो या असली, एयरलाइन और सुरक्षा एजेंसियां हर बार पूरी सतर्कता बरतती हैं। यात्रियों को भी ऐसे मामलों में घबराने के बजाय एयरलाइन स्टाफ और सुरक्षा अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना चाहिए। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि धमकी असली थी या किसी ने अफवाह फैलाई थी। फिलहाल, सभी यात्री और क्रू सुरक्षित हैं, और एयरलाइन ने भरोसा दिलाया है कि आगे की यात्रा के लिए हर संभव सुविधा दी जाएगी। ऐसी घटनाएं भले ही असुविधा और तनाव का कारण बनती हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह सतर्कता जरूरी है।