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बिहार में रिश्तेदारी राज पर तेजस्वी का वार

तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया और पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए, बोले- बिहार में रिश्तेदारों की सरकार चल रही है।

राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में सत्ता का असली खेल अब काबिलियत या जनता की सेवा नहीं, बल्कि नेताओं के रिश्तेदारों को पद बांटने तक सिमट गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, हमने पहले स्पेशल अरेंजमेंट कमीशन की मांग की थी, लेकिन अब तो बिहार में जमाई आयोग (sons-in-law commission) और जीजा आयोग (brothers-in-law commission) भी बनना चाहिए। यहां हर किसी के रिश्तेदार को कोई न कोई पद मिल रहा है। अफसर अपने-अपने लोगों को सिस्टम में एडजस्ट करा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी परिवारवाद के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन बिहार में जो हो रहा है, उस पर उनकी नजर नहीं जाती।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में आज सब कुछ कनेक्शन और सिफारिश से चल रहा है। बेटी एक कोटे से, दामाद दूसरे कोटे से, जीजा-भांजा तीसरे कोटे से, सबके लिए अलग-अलग रास्ते हैं। मुख्यमंत्री के पास अब कोई कंट्रोल नहीं बचा है। पार्टी के नेता और मंत्री अपनी मनमानी कर रहे हैं, और बिहार की जनता को सिर्फ ठगा जा रहा है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार पूरी तरह बिखर चुकी है और अब सिर्फ सत्ता के दलालों और रिश्तेदारों की सरकार रह गई है।

पीएम मोदी की चुप्पी और दोहरे मापदंडों पर सवाल

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्राओं के दौरान उनकी चुप्पी पर भी सीधा सवाल उठाया। उन्होंने कहा, जब भी पीएम मोदी बिहार आते हैं, वे सिर्फ हमें और विपक्ष को कोसते हैं। लेकिन अपनी ही गठबंधन सरकार में जो हो रहा है, उस पर कभी सवाल नहीं करते। क्या प्रधानमंत्री को यह नहीं दिखता कि बिहार में आरएसएस कोटा से मंत्री बनाए जा रहे हैं, क्या वे नहीं जानते कि यहां चुनाव हारने वालों को भी मंत्री बना दिया जाता है, कुछ को तो कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पोस्ट मिल जाती है, यही लोग आज हमें नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं।

तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी की कथनी और करनी में फर्क है। मोदी जी हर मंच से परिवारवाद और भाई-भतीजावाद के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन बिहार में जो हो रहा है, उस पर वे आंखें मूंद लेते हैं। जब उनके गठबंधन के नेता अपने रिश्तेदारों को सरकारी पदों पर बैठाते हैं, तब प्रधानमंत्री की नैतिकता कहां चली जाती है? तेजस्वी ने पूछा।

नीतीश सरकार की नीतियों और प्रशासन पर तीखा हमला

तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार की प्रशासनिक कार्यशैली और नीतियों पर भी जमकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, बिहार सरकार आज पूरी तरह अफसरशाही और सिफारिशी तंत्र के हवाले है। अफसर अपने-अपने नेताओं के रिश्तेदारों को एडजस्ट कराने में लगे हैं। मुख्यमंत्री के पास कोई नियंत्रण नहीं है, और उनकी पार्टी के लोग खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। आज बिहार में योग्यता और मेहनत की कोई कदर नहीं रही, सिर्फ रिश्ता और सिफारिश ही सब कुछ है।

तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का बोलबाला है। सरकारी योजनाओं में घोटाले हो रहे हैं, ठेकेदारों और दलालों का राज है, और आम जनता को सिर्फ वादे और जुमले मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सिर्फ नाम के सीएम रह गए हैं, असली सत्ता उनके इर्द-गिर्द घूम रहे कुछ नेताओं और अफसरों के हाथ में है।

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देश के हालात और केंद्र सरकार पर भी निशाना

तेजस्वी यादव ने देश में बेरोजगारी, महंगाई और विकास जैसे मुद्दों पर भी केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को साइप्रस से सम्मान मिल रहा है, लेकिन देश में असली हालात क्या हैं, बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई लगातार बढ़ रही है। सरकार ने सिवाय मुफ्त राशन बांटने के कुछ नहीं किया। लोगों के घर, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत पर कोई ध्यान नहीं है। तेजस्वी ने कहा कि देश में सिर्फ प्रचार और इवेंट मैनेजमेंट हो रहा है, जबकि जमीनी स्तर पर आम आदमी की परेशानियां जस की तस हैं।

तेजस्वी ने यह भी कहा कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, किसान परेशान हैं, और सरकार सिर्फ अपने नेताओं और रिश्तेदारों को खुश करने में लगी है। अगर सरकार ने वाकई कुछ किया होता तो आज बिहार के युवा पलायन करने को मजबूर नहीं होते, गरीबों को इलाज के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ता, और किसान आत्महत्या नहीं करते।

पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग

तेजस्वी यादव के इन बयानों से बिहार की सियासत में एक बार फिर भाई-भतीजावाद, सरकारी नियुक्तियों में सिफारिश और विकास के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार दोनों को निशाने पर लेते हुए पारदर्शिता, जवाबदेही और योग्यता के आधार पर नियुक्तियों की मांग की है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की जनता अब जागरूक हो चुकी है और आने वाले समय में ऐसे नेताओं को जवाब जरूर देगी, जो सिर्फ अपने परिवार और रिश्तेदारों के लिए सत्ता का इस्तेमाल करते हैं। तेजस्वी के इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और सत्ताधारी दलों के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है

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रीतु कुमारी OBC Awaaz की एक उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई बीजेएमसी (BJMC), JIMS इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस ग्रेटर नोएडा से पूरी की है। वे समसामयिक समाचारों पर आधारित कहानियाँ और रिपोर्ट लिखने में विशेष रुचि रखती हैं। सामाजिक मुद्दों को आम लोगों की आवाज़ बनाकर प्रस्तुत करना उनका उद्देश्य है। लेखन के अलावा रीतु को फोटोग्राफी का शौक है, और वे एक अच्छी फोटोग्राफर बनने का सपना भी देखती है। रीतु अपने कैमरे के ज़रिए समाज के अनदेखे पहलुओं को उजागर करना चाहती है।

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