मंगलवार तड़के इंडिगो की फ्लाइट 6E 2706, जो मस्कट–कोच्चि–दिल्ली रूट पर थी, में अचानक हड़कंप मच गया जब क्रू को बम की धमकी की सूचना मिली। विमान उस समय भारत के हवाई क्षेत्र में था और दिल्ली की ओर बढ़ रहा था। जैसे ही पायलट को धमकी की जानकारी दी गई, उन्होंने तुरंत नागपुर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क किया और आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति मांगी। नागपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया और बम निरोधक दस्ता, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। विमान की सुरक्षित लैंडिंग के बाद सभी 176 यात्रियों और क्रू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यात्रियों को एयरपोर्ट टर्मिनल के सुरक्षित क्षेत्र में ले जाया गया, जहां उन्हें राहत और जरूरी सहायता मुहैया कराई गई।
जांच की प्रक्रिया, बम स्क्वॉड की सतर्कता और यात्रियों की तलाशी
इमरजेंसी लैंडिंग के तुरंत बाद नागपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा एजेंसियों ने विमान की गहन तलाशी शुरू कर दी। बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने सीट्स, लगेज, केबिन, कॉकपिट, कार्गो होल्ड, वॉशरूम, हर हिस्से की जांच की। यात्रियों के सभी सामान को भी एक्स-रे मशीन और मैन्युअल चेकिंग से गुजारा गया। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) लोहित मातानी ने बताया कि अब तक जांच में कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक नहीं मिला है। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से सभी एहतियाती कदम जारी हैं और जांच पूरी होने तक विमान को ग्राउंडेड रखा गया है। यात्रियों को भी उनके सामान के साथ दोबारा चेकिंग के बाद ही आगे जाने की अनुमति दी गई।
यात्रियों का अनुभव, डर, घबराहट और राहत
ऐसी घटनाओं में सबसे ज्यादा तनाव और घबराहट यात्रियों को झेलनी पड़ती है। कई यात्री पहली बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर रहे थे, कुछ परिवार के साथ थे, तो कुछ बिजनेस ट्रिप पर। अचानक विमान के लैंडिंग की घोषणा और बम की धमकी की खबर से यात्रियों में दहशत फैल गई। हालांकि, इंडिगो के क्रू और एयरपोर्ट स्टाफ ने यात्रियों को शांत रखने और हर अपडेट देने की पूरी कोशिश की। यात्रियों को खाने-पीने, मेडिकल सहायता और काउंसलिंग की सुविधा दी गई। कई यात्रियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एयरलाइन और प्रशासन की सतर्कता की वजह से वे खुद को सुरक्षित महसूस कर पाए। कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी आपबीती साझा की और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।
धमकी की जांच असली या अफवाह
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच में जुटी हैं कि बम की धमकी किसने और कैसे दी। एयरलाइन और प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, धमकी किसी अनजान नंबर या ईमेल के जरिए मिली थी, जिसकी विश्वसनीयता की पुष्टि की जा रही है। जांच एजेंसियां धमकी देने वाले की पहचान के लिए साइबर सेल की मदद ले रही हैं। आमतौर पर ऐसी धमकियां कई बार झूठी या शरारतपूर्ण भी साबित होती हैं, लेकिन जब तक पूरी जांच न हो जाए, सुरक्षा एजेंसियां कोई जोखिम नहीं लेतीं। इसी वजह से विमान, यात्रियों और पूरे एयरपोर्ट परिसर की सघन जांच की जाती है और सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत और दुनिया भर में बम धमकी या सुरक्षा अलर्ट के कारण विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के कई मामले सामने आए हैं। अप्रैल 2024 में भी एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट को मुंबई में इसी तरह की धमकी के बाद उतरना पड़ा था, जिसमें बाद में कुछ नहीं मिला। ऐसी घटनाओं का असर न सिर्फ यात्रियों के अनुभव पर पड़ता है, बल्कि एयरलाइन की छवि, संचालन लागत और शेड्यूलिंग पर भी भारी दबाव आता है। हर बार विमान की जांच, यात्रियों की सुरक्षा, वैकल्पिक फ्लाइट्स की व्यवस्था और क्लीयरेंस में लाखों रुपये खर्च होते हैं। इसके अलावा, यात्रियों का भरोसा भी प्रभावित होता है।
प्रशासन की प्राथमिकता, सुरक्षा सर्वोपरि
इंडिगो एयरलाइन और नागपुर एयरपोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी तरह की धमकी या सुरक्षा खतरे को हल्के में नहीं लिया जाता। प्रशासन ने यात्रियों को हर अपडेट देने और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक फ्लाइट उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है। नागपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है और सभी संभावित खतरे की जांच की जा रही है।
सतर्कता से टला बड़ा हादसा, जांच जारी
फिलहाल इंडिगो की मस्कट-दिल्ली फ्लाइट के सभी यात्री और क्रू पूरी तरह सुरक्षित हैं। बम की धमकी की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और किसी भी तरह की अनहोनी को टाल दिया। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि धमकी असली थी या अफवाह, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और एयरलाइन की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। आगे की अपडेट का सभी को इंतजार है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हवाई यात्रा में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।