मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच लगातार पांचवें दिन मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी है। ऐसे हालात में ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों, खासकर छात्रों की सुरक्षा को लेकर भारत में चिंता बढ़ गई थी। ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग आधे छात्र हैं और इनमें बड़ी संख्या जम्मू-कश्मीर के युवाओं की है। ये छात्र मेडिकल और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए तेहरान, शिराज, क़ुम और उर्मिया जैसे शहरों के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं। बीते दिनों जब हालात और बिगड़े, तो जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और कश्मीरी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से छात्रों की सुरक्षा और त्वरित निकासी की मांग की थी।
90 कश्मीरी छात्रों सहित 110 भारतीयों की सुरक्षित निकासी
सरकार की सक्रियता और भारतीय दूतावास के प्रयासों से सोमवार को 90 कश्मीरी छात्रों समेत कुल 110 भारतीय छात्रों को ईरान से आर्मेनिया सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नासिर खुहामी ने बताया कि ये सभी छात्र उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों में पढ़ रहे थे। इसके अलावा, लगभग 600 अन्य छात्र ,ज्यादातर कश्मीर से, तेहरान से निकलकर ईरान के क़ुम शहर पहुंच गए हैं। इन छात्रों के लिए विश्वविद्यालय और भारतीय दूतावास ने मिलकर तीन दिन के लिए होटल में ठहरने की व्यवस्था की है, ताकि वे पूरी तरह सुरक्षित रहें और हालात सामान्य होने तक उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय की सक्रियता
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया है कि तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से शहर से बाहर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दूतावास लगातार भारतीय समुदाय के संपर्क में है और हर संभव सहायता देने की कोशिश कर रहा है। MEA ने 24×7 कंट्रोल रूम और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में भारतीय नागरिक और छात्र सहायता ले सकें। कंट्रोल रूम के नंबर और ईमेल इस प्रकार हैं: 1800118797 (टोल-फ्री), +91-11-23012113, +91-11-23014104, +91-11-23017905, +91-9968291988 (व्हाट्सएप), situationroom@mea.gov.in। इसके अलावा, भारतीय दूतावास, तेहरान ने भी 24×7 इमरजेंसी हेल्पलाइन शुरू की है, जिससे छात्रों और उनके परिवारों को हर समय मदद मिल सके।
कश्मीरी छात्रों के लिए ईरान क्यों है पसंदीदा
कश्मीरी छात्र आमतौर पर ईरानी विश्वविद्यालयों को उनकी फीस की किफायती दर और सांस्कृतिक समानता के कारण चुनते हैं। यहां का माहौल, भाषा और रहन-सहन कश्मीर के छात्रों के लिए अनुकूल माना जाता है। यही वजह है कि हर साल सैकड़ों छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज के लिए ईरान का रुख करते हैं। मौजूदा हालात में, छात्रों और उनके परिवारों के लिए भारतीय दूतावास और सरकार की सक्रियता राहत की बात है।
भारत सरकार की त्वरित कार्रवाई और छात्रों की सुरक्षा
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच भारतीय दूतावास और सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 110 छात्रों (जिनमें से 90 कश्मीर से हैं) को सुरक्षित आर्मेनिया पहुंचाया है, जबकि सैकड़ों अन्य छात्रों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सरकार ने हेल्पलाइन और इमरजेंसी सपोर्ट सिस्टम सक्रिय कर रखा है, जिससे बाकी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। फिलहाल सभी छात्र सुरक्षित हैं और दूतावास लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। भारत सरकार की यह सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया संकट के समय में भारतीय नागरिकों के लिए भरोसे की मिसाल बन गई है।