अमेरिका और इज़राइल के बीच दशकों से गहरा रक्षा सहयोग है। अमेरिका न सिर्फ इज़राइल को सबसे आधुनिक हथियार, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और इंटेलिजेंस देता है, बल्कि दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास और तकनीकी साझेदारी भी करती हैं। अमेरिका की अत्याधुनिक ड्रोन टेक्नोलॉजी, खासकर Stealth Drones, इज़राइल के लिए रणनीतिक बढ़त का सबसे बड़ा स्रोत हैं। ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, अगर अमेरिका के ये स्टील्थ ड्रोन इज़राइल के मिशन में शामिल होते हैं, तो ईरान की सुरक्षा रणनीति को सीधी चुनौती मिलती है।
Stealth Drone अदृश्य, घातक और दुश्मन के रडार से बाहर
Stealth Drone यानी ऐसा ड्रोन जिसे दुश्मन के रडार पकड़ नहीं सकते। इसकी बनावट, कोटिंग और उड़ान शैली ऐसी होती है कि यह दुश्मन के इलाके में घुसकर चुपचाप निगरानी या हमला कर सकता है। इन ड्रोन्स में हाई-रेजोल्यूशन कैमरा, एडवांस्ड सेंसर, रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन और अत्याधुनिक टारगेटिंग सिस्टम लगे होते हैं, जिससे ये हजारों किलोमीटर दूर तक मिशन पूरा कर सकते हैं। इनकी सबसे बड़ी ताकत है, दुश्मन को भनक तक न लगे और मिशन पूरा हो जाए।
अमेरिका के सबसे घातक Stealth Drones
RQ-170 Sentinel (Beast of Kandahar)
Lockheed Martin द्वारा विकसित यह ड्रोन अमेरिकी एयरफोर्स के लिए सबसे चर्चित स्टील्थ UAV है। इसकी उड़ान क्षमता, रडार-इवेडिंग डिजाइन और एडवांस्ड सेंसर इसे गुप्त निगरानी और इंटेलिजेंस के लिए आदर्श बनाते हैं। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान की सीमाओं में यह कई मिशन कर चुका है, जिसमें ओसामा बिन लादेन के ऑपरेशन में भी इसका इस्तेमाल हुआ था। RQ-170 दुश्मन की सीमा में 50,000 फीट की ऊंचाई से रियल-टाइम इंटेलिजेंस भेज सकता है और इसकी मौजूदगी का पता लगाना बेहद मुश्किल है।
XQ-58A Valkyrie
यह नया, हाई-स्पीड और लो-ऑब्जर्वेबल ड्रोन है, जिसे Kratos Defense ने विकसित किया है। Valkyrie को loyal wingman के तौर पर लड़ाकू विमानों के साथ भेजा जा सकता है। यह दुश्मन के एयर डिफेंस को दबाने, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, इंटेलिजेंस और सटीक हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रफ्तार 500 mph से ज्यादा है, रेंज 1,000 मील से ऊपर है, और इसे पकड़ पाना दुश्मन के लिए लगभग नामुमकिन है।
MQ-25 Stingray
Boeing का यह ड्रोन अमेरिकी नौसेना के लिए बनाया गया है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है, हवा में ही फाइटर जेट्स को फ्यूल रीफिलिंग करना, जिससे अमेरिका के लड़ाकू विमान दुश्मन के इलाके में ज्यादा देर तक ऑपरेट कर सकते हैं। MQ-25 की वजह से अमेरिकी नौसेना की ऑपरेशनल रेंज और स्ट्राइक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
X-47B
Northrop Grumman का यह स्टील्थ ड्रोन पूरी तरह ऑटोनॉमस है और एयरक्राफ्ट कैरियर से बिना पायलट के टेकऑफ-लैंडिंग कर सकता है। इसकी रडार-इवेडिंग डिजाइन और लंबी रेंज इसे आधुनिक नौसैनिक युद्ध का भविष्य बनाती है10।
RQ-180
यह अमेरिका का सबसे एडवांस्ड, हाई-एंड्योरेंस स्टील्थ ड्रोन है, जो दुश्मन के सबसे सुरक्षित एयरस्पेस में भी गुप्त निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर कर सकता है। इसकी रेंज 22,000 किमी तक मानी जाती है और यह 24 घंटे तक लगातार उड़ सकता है।
ईरान के लिए क्यों है खतरे की घंटी
अमेरिका के Stealth Drones न सिर्फ निगरानी, बल्कि सटीक हमले, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और दुश्मन के एयर डिफेंस को ठप करने में माहिर हैं। ईरान के ऊपर इन ड्रोन्स की तैनाती पहले भी हो चुकी है, RQ-170 Sentinel को ईरान ने 2011 में पकड़ भी लिया था, जिससे यह साफ है कि अमेरिकी ड्रोन ईरान की सीमाओं में गुप्त मिशन करते रहे हैं। इन ड्रोन्स की वजह से ईरान की मिसाइल, परमाणु और सैन्य गतिविधियों पर अमेरिका और इज़राइल की नजर बनी रहती है। अगर तनाव बढ़ता है, तो ये Stealth Drones ईरान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं, क्योंकि इन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल है और ये बिना आवाज़, बिना चेतावनी के हमला या खुफिया जानकारी हासिल कर सकते हैं।
अमेरिका के Stealth Drones आधुनिक युद्ध की परिभाषा बदल रहे हैं। इनकी तकनीक, रेंज, और अदृश्यता इन्हें दुश्मन के लिए सबसे घातक बनाती है। इज़राइल के साथ अमेरिकी रक्षा साझेदारी की वजह से यह तकनीक अगर इज़राइल के पास आती है, तो ईरान के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी। यह ड्रोन टेक्नोलॉजी न सिर्फ जासूसी और निगरानी, बल्कि सटीक हमले और दुश्मन की रणनीति को ध्वस्त करने में भी माहिर है, और यही वजह है कि ईरान की भी रूह कांप उठी है।