इंडिगो एयरलाइंस में काम करने वाले एक 35 साल के ट्रेनी पायलट ने अपने सीनियर अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित, जो बेंगलुरु के शोभा सिटी सेंटोरिनी में रहते हैं और द्रविड़ समाज से हैं, उन्होंने कैप्टन राहुल पाटिल, तपस डे और मनीष साहनी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
पीड़ित के साथ क्या हुआ था?
पीड़ित का कहना है कि 28 अप्रैल, 2025 को गुरुग्राम में एक मीटिंग के दौरान उन्हें सबके सामने बेइज्जत किया गया। उन्हें कहा गया, “तुम प्लेन उड़ाने के लायक नहीं, जूते बनाओ।” इतना ही नहीं, यह तक बोला गया कि वो चौकीदार बनने के भी काबिल नहीं हैं। इसके अलावा, उनके साथ और भी गलत व्यवहार हुआ:
- कई बार उनकी जाति को लेकर ताने मारे गए।
- बिना वजह वॉर्निंग लेटर दिए गए।
- सैलरी और मेडिकल लीव में कटौती की गई।
- स्टाफ की यात्रा सुविधा रद्द कर दी गई।
- उन पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
पीड़ित ने क्या किया?
उन्होंने पहले इंडिगो के सीईओ और एथिक्स कमेटी से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में पुलिस में शिकायत दर्ज की, जहां जीरो FIR दर्ज हुई। बाद में यह केस गुरुग्राम पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।
पुलिस का एक्शन
गुरुग्राम पुलिस ने SC/ST एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जांच शुरू हो चुकी है, और पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है।
इंडिगो ने क्या कहा?
लाइव मिंट के एक पोस्ट के अनुसार, इंडिगो ने इन आरोपों को गलत बताया है। कंपनी का कहना है कि वो किसी भी तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करती और हमेशा सभी कर्मचारियों के साथ सम्मान से पेश आती है। उन्होंने कहा, हम इन आरोपों को खारिज करते हैं और पुलिस जांच में पूरा सहयोग करेंगे।