लेटेस्ट ख़बरे विधानसभा चुनाव ओपिनियन जॉब - शिक्षा विदेश मनोरंजन खेती टेक-ऑटो टेक्नोलॉजी वीडियो वुमन खेल बायोग्राफी लाइफस्टाइल

नेवी क्लर्क गिरफ्तार, ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी लीक

दिल्ली नेवी मुख्यालय के क्लर्क विशाल यादव को पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी लीक करने पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

दिल्ली स्थित नौसेना मुख्यालय में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क (UDC) विशाल यादव को राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने बुधवार को जयपुर से गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि विशाल यादव पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की एक महिला इंटेलिजेंस हैंडलर के संपर्क में था, जो सोशल मीडिया पर प्रिया शर्मा के नाम से एक्टिव थी। सबसे पहले फेसबुक के जरिए दोनों की बातचीत शुरू हुई, जो बाद में व्हाट्सएप और फिर टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म तक पहुंच गई। महिला हैंडलर ने विशाल को पैसे का लालच देकर उससे भारतीय नौसेना और रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल कीं।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी लीक हुईं संवेदनशील जानकारियां

विशाल यादव ने न सिर्फ सामान्य सूचनाएं, बल्कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर जैसी संवेदनशील सैन्य कार्रवाई से जुड़ी गोपनीय जानकारी भी पाकिस्तान को भेजी। ऑपरेशन सिंदूर वह गुप्त सैन्य अभियान था, जिसमें भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। जांच में पता चला कि विशाल ने इस ऑपरेशन से जुड़े दस्तावेज, रणनीतिक जानकारियां और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं महिला पाकिस्तानी हैंडलर को भेजीं। शुरुआती दौर में उसे छोटी-छोटी सूचनाओं के लिए 5-6 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर जैसी अहम जानकारी के बदले उसे 50,000 रुपये तक मिले। कुल मिलाकर उसने करीब दो लाख रुपये, कुछ रकम बैंक खाते में और कुछ क्रिप्टोकरंसी (USDT) के जरिए-हासिल किए।

ऑनलाइन गेमिंग की लत और कर्ज ने बनाया आसान शिकार

जांच एजेंसियों के मुताबिक, विशाल यादव को ऑनलाइन गेमिंग की गंभीर लत थी और इसी वजह से उस पर भारी कर्ज चढ़ गया था। आर्थिक संकट और गेमिंग की लत ने उसे पाकिस्तानी हैंडलर के जाल में फंसा दिया। महिला ने पहले दोस्ती और फिर पैसों का लालच देकर उससे संवेदनशील जानकारियां निकलवाईं। फॉरेंसिक जांच में उसके मोबाइल फोन से कई इनक्रिप्टेड चैट्स, डॉक्युमेंट्स, फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस और संवेदनशील डेटा मिले हैं, जिससे जासूसी की पुष्टि होती है।

देश की सुरक्षा पर बड़ा खतरा, जांच एजेंसियां अलर्ट

विशाल यादव की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। उसे जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र में कई एजेंसियां मिलकर पूछताछ कर रही हैं ताकि पता लगाया जा सके कि और कौन-कौन इस नेटवर्क में शामिल है और कितनी जानकारी लीक की गई है। राजस्थान CID इंटेलिजेंस ने बताया कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तानी नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों पर नजर रखी जा रही थी और इसी दौरान विशाल यादव की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। अब जांच एजेंसियां उसके पूरे नेटवर्क, फाइनेंशियल ट्रेल और अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश में जुटी हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने आम लोगों से भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध संपर्क या गतिविधि की तुरंत सूचना दें।

ऑपरेशन सिंदूर जैसी संवेदनशील सैन्य कार्रवाई के दौरान रक्षा जानकारी लीक होना देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। विशाल यादव की गिरफ्तारी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सोशल मीडिया और डिजिटल पेमेंट के जरिए जासूसी नेटवर्क किस तरह भारतीय सुरक्षा तंत्र को चुनौती दे रहे हैं। जांच जारी है और एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने में जुटी हैं।

ताज़ा खबरों से अपडेट रहें! हमें फ़ॉलो जरूर करें X (Formerly Twitter), WhatsApp Channel, Telegram, Facebook रियल टाइम अपडेट और हमारे ओरिजिनल कंटेंट पाने के लिए हमें फ़ॉलो करें


रीतु कुमारी OBC Awaaz की एक उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई बीजेएमसी (BJMC), JIMS इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस ग्रेटर नोएडा से पूरी की है। वे समसामयिक समाचारों पर आधारित कहानियाँ और रिपोर्ट लिखने में विशेष रुचि रखती हैं। सामाजिक मुद्दों को आम लोगों की आवाज़ बनाकर प्रस्तुत करना उनका उद्देश्य है। लेखन के अलावा रीतु को फोटोग्राफी का शौक है, और वे एक अच्छी फोटोग्राफर बनने का सपना भी देखती है। रीतु अपने कैमरे के ज़रिए समाज के अनदेखे पहलुओं को उजागर करना चाहती है।

1 thought on “नेवी क्लर्क गिरफ्तार, ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी लीक”

  1. मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं ।जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
    कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
    रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment