तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के पटंचेरु स्थित पाशामैलाराम इंडस्ट्रियल एरिया में सोमवार सुबह एक केमिकल फैक्ट्री (सिगाची केमिकल्स) में जोरदार धमाका हुआ। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैक्ट्री के रिएक्टर में विस्फोट के बाद आग लग गई, जिससे पूरी इमारत और मैन्युफैक्चरिंग ब्लॉक को भारी नुकसान पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना जबरदस्त था कि कई मजदूर 100 मीटर तक हवा में उछलकर गिर पड़े। फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे करीब 150 लोगों में से कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 26 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं। अभी भी 90 से अधिक मजदूर मलबे में फंसे होने की आशंका है।
दमकल, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें जुटीं
धमाके के तुरंत बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। आग की लपटें और धुएं के गुबार से आसपास का इलाका घिर गया। राहत और बचाव के लिए 11 से ज्यादा फायर टेंडर, एनडीआरएफ, पुलिस और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को हैदराबाद और संगारेड्डी के नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें ऑक्सीजन मास्क, रोबोट और अर्थमूवर्स का इस्तेमाल कर रही हैं। आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया है, क्योंकि धमाके के बाद जहरीले रसायन वातावरण में फैल गए हैं।
जांच और राहत का भरोसा
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस भीषण हादसे पर गहरा दुख जताया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी फंसे मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए और घायलों को बेहतरीन इलाज मुहैया कराया जाए। स्वास्थ्य मंत्री दमोदर राजा नरसिम्हा ने घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी की। केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने भी मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया। बीआरएस नेता केटी रामाराव और के कविता ने हादसे को बेहद दुखद बताया और सभी औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा ऑडिट और सख्त जांच की मांग की।
हादसे के कारण और सुरक्षा पर सवाल
फिलहाल धमाके के कारणों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती जांच में रिएक्टर में प्रेशर बिल्डअप को वजह माना जा रहा है। फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और पुराने उपकरणों के इस्तेमाल की भी जांच की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में इसी औद्योगिक क्षेत्र में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं, जिससे औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जिला प्रशासन और औद्योगिक सुरक्षा एजेंसियां घटना की विस्तृत जांच कर रही हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।
पटंचेरु के इस केमिकल फैक्ट्री हादसे ने न सिर्फ कई परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा मानकों की हकीकत भी उजागर कर दी है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन इस त्रासदी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सुरक्षा में जरा सी चूक कितनी बड़ी आपदा में बदल सकती है।