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आदित्य बिरला फैशन का शेयर 67% गिरा: डीमर्जर का पूरा विश्लेषण

ABFRL का शेयर 67% गिरा, लेकिन ये तकनीकी डीमर्जर समायोजन था। निवेशकों को ABLBL के शेयर मिलेंगे। दोनों कंपनियों की दीर्घकालिक ग्रोथ संभावनाएं उज्ज्वल हैं।

22 मई 2024 को जैसे ही बाजार खुला, आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड यानी ABFRL के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। शेयर अपने 52 हफ्ते के उच्च स्तर 364 रुपये से सीधे गिरकर लगभग 88 रुपये तक आ गया। यह लगभग 67 प्रतिशत की गिरावट थी, जिसने बहुत से नए निवेशकों को चौंका दिया। हालांकि यह गिरावट कंपनी के खराब प्रदर्शन का संकेत नहीं थी। असली वजह थी कंपनी की डीमर्जर प्रक्रिया, जिसके बारे में कई निवेशकों को सही जानकारी नहीं थी और उन्होंने घबराकर अपने शेयर बेच दिए।

ABFRL का स्टॉक 67% नीचे क्यों दिख रहा है?

ABFRL के शेयरों में हाल ही में आई 67% की गिरावट काफी नाटकीय लग सकती है, लेकिन यह वास्तव में कोई बड़ी बिकवाली नहीं है। यह गिरावट एक मूल्य समायोजन है जो इस बात को दर्शाती है कि कंपनी का फैशन और लाइफस्टाइल बिज़नेस अब एक अलग इकाई के रूप में काम करेगा।

जब किसी कंपनी का डिमर्जर होता है, तो वह दो या उससे अधिक हिस्सों में बंट जाती है। डिमर्जर के बाद, जैसे ही रिकॉर्ड डेट आती है, मूल कंपनी के शेयर का मूल्य नीचे समायोजित हो जाता है। इसका कारण यह है कि उस शेयर की कीमत अब स्पिन-ऑफ किए गए बिज़नेस की वैल्यू को शामिल नहीं करती।

ABFRL के मामले में, कंपनी ने अपने फैशन और लाइफस्टाइल बिज़नेस को एक अलग कंपनी के रूप में स्थापित करने का फैसला किया है। इसलिए, मौजूदा स्टॉक प्राइस में अब उस फैशन बिज़नेस की वैल्यू को नहीं जोड़ा गया है। यही वजह है कि शेयर की कीमत में यह भारी गिरावट दिखाई दे रही है।

कंपनियां डीमर्ज क्यों करती हैं?

फोकस्ड मैनेजमेंट: अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स का संचालन बेहतर होता है।

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वैल्यू अनलॉक करना: बाजार में हर यूनिट की वैल्यू स्पष्ट नजर आती है।

निवेशकों को आकर्षित करना: सेक्टर-फोकस्ड निवेशकों के लिए क्लैरिटी मिलती है।

भारत में कुछ प्रमुख डीमर्जर उदाहरण

• वेदांता ने 2023 में अपने एलुमिना और आयरन ओर बिजनेस को अलग किया।

• टाटा मोटर्स ने 2022 में पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बिजनेस को अलग किया।

ABFRL डीमर्जर का पूरा मामला

नई कंपनी ABLBL का प्रोफाइल

ABLBL के ब्रांड पोर्टफोलियो में शामिल हैं ; लुइस फिलिप, वैन ह्यूसन, एलन सॉली, पीटर इंग्लैंड, अमेरिकन ईगल, फॉरएवर 21 और रीबॉक।

फॉर्मल वियर में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 38 प्रतिशत और यूथ कैजुअल वियर में 22 प्रतिशत है।

2023-24 में इसका कुल राजस्व 8200 करोड़ रुपये था जो ABFRL के कुल टर्नओवर का 55 प्रतिशत हिस्सा है।

शेयरधारकों पर असर

यदि आपके पास 100 ABFRL शेयर थे, जिनकी कीमत 364 रुपये प्रति शेयर थी, तो आपकी कुल वैल्यू 36400 रुपये थी। डीमर्जर के बाद आपके पास वही 100 ABFRL शेयर होंगे जिसकी नई कीमत लगभग 88 रुपये है यानी 8800 रुपये। साथ में आपको 100 ABLBL शेयर मिलेंगे जिनकी अनुमानित कीमत 275 रुपये हो सकती है यानी 27500 रुपये। कुल मिलाकर आपकी वैल्यू लगभग वही रहेगी।

कर्ज, रेवेन्यू और मार्जिन

ABFRL पर अब 2000 करोड़ रुपये का कर्ज है और ABLBL पर 1000 करोड़ रुपये का कर्ज है।

ABFRL का डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात 0.8 है जबकि ABLBL का अनुपात 1.2 है।

2024-25 के लिए रेवेन्यू अनुमान इस प्रकार है:

ABFRL : 6800 करोड़ रुपये जिसमें 45 प्रतिशत एथनिक वियर, 30 प्रतिशत पैंटालून और 25 प्रतिशत लग्जरी सेगमेंट शामिल है।

ABLBL : 9500 करोड़ रुपये जिसमें 50 प्रतिशत फॉर्मल वियर, 35 प्रतिशत यूथ ब्रांड्स और 15 प्रतिशत रीबॉक।

EBITDA मार्जिन की बात करें तो ABFRL का मार्जिन 18 से 20 प्रतिशत और ABLBL का 22 से 24 प्रतिशत है।

विशेषज्ञों की राय और निवेशकों की प्रतिक्रिया

क्रेडिट सुइस ने कहा है कि डीमर्जर से दोनों कंपनियों की इक्विटी वैल्यू 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।

कई खुदरा निवेशकों ने पहले डर के कारण शेयर बेचे लेकिन बाद में और शेयर खरीदे।

एफआईआई ने डीमर्जर के बाद 220 करोड़ रुपये के ABFRL शेयर खरीदे।

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रीतु कुमारी OBC Awaaz की एक उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई बीजेएमसी (BJMC), JIMS इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस ग्रेटर नोएडा से पूरी की है। वे समसामयिक समाचारों पर आधारित कहानियाँ और रिपोर्ट लिखने में विशेष रुचि रखती हैं। सामाजिक मुद्दों को आम लोगों की आवाज़ बनाकर प्रस्तुत करना उनका उद्देश्य है। लेखन के अलावा रीतु को फोटोग्राफी का शौक है, और वे एक अच्छी फोटोग्राफर बनने का सपना भी देखती है। रीतु अपने कैमरे के ज़रिए समाज के अनदेखे पहलुओं को उजागर करना चाहती है।

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