उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सियासी तापमान चढ़ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सीएम योगी के “राजनीति मेरे लिए फुल-टाइम जॉब नहीं है” वाले बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि “दिल्ली वालों को ऐसे मुख्यमंत्री को हटा देना चाहिए!”
बीजेपी में ‘बड़ा नेता’ बनने की होड़ – अखिलेश
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि पार्टी के हर नेता में खुद को बड़ा साबित करने की होड़ मची हुई है। उन्होंने कहा, “बीजेपी में यह मुकाबला चल रहा है कि कौन ज़्यादा कट्टर फैसला ले सकता है, कौन ज़्यादा लोगों को परेशान कर सकता है और कौन ज़्यादा खराब नीतियां लागू कर सकता है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा, “जब प्रदेश का मुखिया खुद राजनीति को पार्ट-टाइम जॉब मानता है, तो जनता को सोचना चाहिए कि ऐसे नेता से राज्य का भला कैसे होगा?”
वक्फ संशोधन विधेयक पर सपा का कड़ा रुख
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भी अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने साफ कहा कि समाजवादी पार्टी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण के जरिए वोटों की राजनीति कर रही है। उन्होंने एनडीए सहयोगी दलों को नसीहत देते हुए कहा, “हर नेता को अपने निर्वाचन क्षेत्र की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।”
‘बीजेपी को ज़मीन से बहुत प्यार’ – अखिलेश का तंज
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी देश की संपत्तियों को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा, “डॉ. राम मनोहर लोहिया ने लिखा था कि देश में कट्टर हिंदू बनाम उदारवादी विचारधारा की लड़ाई चल रही है। बीजेपी ने रेलवे की ज़मीन बेची, रक्षा की ज़मीन बेची और अब वक्फ की ज़मीन भी बेची जाएगी। यह सब उनकी नाकामियों को छिपाने की योजना है।”
योगी का बयान, जिस पर मचा सियासी घमासान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 अप्रैल को एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। पार्टी ने मुझे प्रदेश की जनता के लिए यहां नियुक्त किया है। राजनीति मेरे लिए फुल-टाइम जॉब नहीं है, मैं वास्तव में एक योगी हूं। जब तक हूं, पूरी निष्ठा से काम कर रहा हूं।”
योगी के इस बयान ने विपक्ष को हमले का नया मौका दे दिया। अखिलेश यादव ने इसे जनता के साथ अन्याय करार देते हुए कहा, “अगर मुख्यमंत्री खुद को केवल अस्थायी मानते हैं, तो प्रदेश का विकास कौन करेगा?”
क्या इस बयान से बीजेपी को नुकसान होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सीएम योगी के बयान से विपक्ष को हमलावर होने का बड़ा अवसर मिला है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद, यूपी की राजनीति में लगातार बयानबाज़ी तेज़ हो रही है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी इस हमले का किस तरह जवाब देती है और क्या इससे पार्टी की लोकप्रियता पर कोई असर पड़ता है।