अखिलेश यादव से मिलकर सपा में शामिल हुए महाराष्ट्र के कई बड़े नेता, जिससे समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य में एक बड़ी राजनीतिक सफलता हासिल हुई है। पार्टी की नीतियों, समाजवादी विचारधारा और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व से प्रभावित होकर महाराष्ट्र के कई प्रमुख नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद अब पार्टी का हिस्सा बन चुके हैं। लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित एक औपचारिक समारोह में इन नेताओं ने सपा की सदस्यता ली।
समारोह के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी नए सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि इनके आने से पीडीए—यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग—की लड़ाई को नयी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह जुड़ाव पार्टी को न केवल महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी और अधिक मज़बूत बनाएगा।
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने इस अवसर पर कहा कि सपा अब देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है और अब लक्ष्य है इसे एक व्यापक राष्ट्रीय दल के रूप में स्थापित करना। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जो नेता पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्हें पूरी गरिमा और ज़िम्मेदारी के साथ स्थान मिलेगा।
सपा में शामिल होने वाले प्रमुख नामों में महाराष्ट्र के पूर्व राज्यमंत्री और विधायक अबराहनी यूसुफ, राइट वे एसोसिएशन के अध्यक्ष सईद खान, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सलाउद्दीन टीनवाला, अल्पसंख्यक कांग्रेस के उपाध्यक्ष शहजाद अब्रहानी, मोहम्मद अली शेख और कांग्रेस के सक्रिय सदस्य फिरोज बारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, साबु सिद्दीकी कॉलेज की प्रिंसिपल जैबुन्निशा मलिक ने भी सपा का दामन थामा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अल्पसंख्यक, पिछड़े वर्ग और युवाओं के बीच सपा की स्वीकार्यता और प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। यह विस्तार उस समय हो रहा है जब विपक्षी एकता और पीडीए जैसे गठबंधनों को लेकर देश भर में राजनीतिक गहमागहमी तेज़ है।
समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों से भी बड़े नेता पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जिससे उसका राष्ट्रीय स्वरूप और मजबूत होगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में इस तरह की पहल सपा की रणनीति को और स्पष्ट करती है कि पार्टी अब सिर्फ एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं बल्कि एक प्रभावशाली राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहती है।