समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने इस स्थिति के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा है कि यह गिरावट सिर्फ बाजार की नहीं, बल्कि आम जनता की मेहनत की पूंजी और देश की आर्थिक स्थिरता पर सीधा हमला है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में एक तीखा बयान जारी करते हुए कहा, “देश के शेयर बाजार में लाखों करोड़ों की हानि पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि आम जनता, जो अपनी मेहनत की कमाई से थोड़ा-थोड़ा निवेश करती है, उसकी बचत और पूंजी मिट्टी में मिल रही है।”
उन्होंने इस संकट को एक “दोहरा दुश्चक्र” बताया — एक तरफ बाजार का गिरना और दूसरी ओर अर्थव्यवस्था की धीमी गति। अखिलेश यादव का कहना है कि यदि निवेशकों का पैसा बाजार में डूबता रहेगा, तो इसके गंभीर दीर्घकालिक परिणाम होंगे, जिससे देश की आर्थिक गाड़ी पटरी से उतर सकती है।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 27% तक की भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप, शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 930 अंक गिरकर 76,000 अंक के नीचे बंद हुआ और निवेशकों के लगभग ₹10 लाख करोड़ रुपए मिट्टी में मिल गए। बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर ₹4.03 करोड़ करोड़ (लगभग USD 4.73 ट्रिलियन) रह गया।
अखिलेश यादव ने युवाओं की बढ़ती निवेश भागीदारी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जब युवा निवेश करते हैं और उन्हें घाटा होता है, तो वे पूरी पूंजी बाजार प्रणाली से विश्वास खो बैठते हैं। यह देश की वित्तीय प्रणाली के लिए बेहद चिंताजनक है।”
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की पूर्व आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी और मंदी जैसे निर्णयों ने पहले ही जनता की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है। “नोटबंदी और मंदी के बाद कई लोग न तो पैसे में बचे हैं और न ही रोजगार में। ऐसे लोग पूरी तरह से बाजार की गतिविधियों पर निर्भर हैं। जब बाजार गिरता है, तो उनका जीवन पूरी तरह प्रभावित होता है,” उन्होंने कहा।
अखिलेश यादव ने देश की आर्थिक असमानता पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “अगर हम 1 प्रतिशत सुपर-रिच को अलग कर दें, तो शेष 99 प्रतिशत भारतीय इस गिरावट से सीधे या परोक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण स्थिति है।”
अपने बयान के अंत में, अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा प्रहार करते हुए कहा, “बीजेपी सरकार केवल इस आर्थिक संकट की जिम्मेदार नहीं, बल्कि पूरी तरह से दोषी है। आज देश का निवेशक कह रहा है — ‘हमें बीजेपी नहीं चाहिए।’”