समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के मौके पर बीजेपी सरकार पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है और सरकार सिर्फ अपनी छवि चमकाने में लगी हुई है।
नदी नहीं, फंड साफ हो रहे हैं
अखिलेश ने कहा कि नदियां ज़िंदगी देती हैं, छीनती नहीं। लेकिन बीजेपी सरकार नदियों की सफाई छोड़कर फंड की सफाई में लगी है। करोड़ों खर्च हो चुके हैं, फिर भी गंगा की हालत जस की तस बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि यूपी में 100 से ज्यादा छोटी नदियां खत्म होने की कगार पर हैं। गोमती में ऑक्सीजन की कमी और जलकुंभी की वजह से मछलियां मर रही हैं। बागपत में भी यमुना में मरी हुई मछलियां मिली थीं।
पेड़ लगते तो हैं, पर बचते नहीं
अखिलेश ने बीजेपी की वन नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हर साल लाखों पेड़ लगाने के दावे होते हैं, लेकिन उनकी देखभाल नहीं होती और ज़्यादातर सूख जाते हैं। इसका असर साफ है, गर्मी बढ़ रही है और मौसम गड़बड़ा रहा है।
उन्होंने वैज्ञानिक रिपोर्टों का ज़िक्र करते हुए कहा कि 1880 के मुकाबले अब धरती का तापमान 1 डिग्री बढ़ चुका है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और खेती पर असर पड़ रहा है।
हमने बताया था पर्यावरण कैसे बचाया जाता है
अखिलेश ने अपनी सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि समाजवादी सरकार ने जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवरफ्रंट और बुंदेलखंड के पुराने तालाबों का विकास किया। उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक जैसे कदमों से सपा ने पर्यावरण को लेकर अपनी सोच दिखाई थी।
बीजेपी विकास नहीं, विनाश की राजनीति कर रही है
अखिलेश ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार समाजवादी सरकार के कामों पर अपनी मुहर लगाकर श्रेय ले रही है। उनका कहना है कि बीजेपी ने असली विकास रोक दिया है और अब विनाश की राजनीति कर रही है। लेकिन जनता सब समझ रही है और 2027 में सत्ता से हटाकर बदलाव लाएगी।
नमामि गंगे: शुरुआत और सवाल
बता दें, नमामि गंगे योजना 2014 में शुरू हुई थी, जिसका मकसद गंगा और दूसरी नदियों की सफाई और संरक्षण था। लेकिन इसकी पारदर्शिता और असर को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब अखिलेश के आरोपों ने इस मुद्दे को फिर चर्चा में ला दिया है।