पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्मी ला चुका है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए कहा कि यदि यह प्रोजेक्ट केवल 11,800 करोड़ रुपये में बना है, तो इसका साफ मतलब है कि निर्माण की गुणवत्ता से समझौता किया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने इस एक्सप्रेसवे की नींव रखी थी और केवल 21 महीनों में 323 किलोमीटर लंबा हाईवे बनवाया गया था। उन्होंने कहा कि यह काम नेताजी (स्व. मुलायम सिंह यादव) के विज़न और नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ था, वो भी उच्चतम मानकों के साथ।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार करते हुए उन्होंने योगी सरकार पर केवल आंकड़ों का खेल खेलने का आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा, “यह दिखाने के लिए कि सस्ते में काम हो गया, निर्माण के मानकों से खिलवाड़ किया गया है। ये केवल दिखावा है, धरातल पर इसकी असलियत कुछ और है।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार उस समय और तीखा हो गया जब उन्होंने ‘अमर उजाला’ के एक कार्यक्रम में अन्य मुद्दों पर भी योगी सरकार को घेरा। विनय शंकर तिवारी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई और उनके घर की बाउंड्री तोड़े जाने पर भी तंज कसते हुए कहा, “हाता से झगड़ा नया नहीं है, इन्हें हाता नहीं भाता है।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार केवल निर्माण गुणवत्ता तक सीमित नहीं रहा। करणी सेना के एक सदस्य द्वारा दी गई गोली मारने की धमकी पर उन्होंने कहा, “आप कहते हैं हमें गोली मार देंगे? हम डरने वाले नहीं हैं, हम लड़ने वाले हैं।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार तब और व्यक्तिगत होता दिखाई दिया जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुर्शिदाबाद वाले बयान का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “वस्त्र से कोई योगी नहीं बनता, विचार से बनता है। जो खुद अंडा हो, वो डंडे की बात करेगा ही।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार भारतीय जनता पार्टी पर ज़मीन कब्जाने के आरोपों के साथ भी जुड़ा। उन्होंने बीजेपी को ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ बताते हुए कहा, “यह पार्टी ज़मीन देखकर कब्जा करती है।”
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अखिलेश यादव का पलटवार आखिर में इतिहास के बहाने भी दिखा। उन्होंने कहा कि जो इतिहास समाज को दिशा न दे सके, जो हमें प्रोग्रेस की ओर न ले जाए, बल्कि खाई पैदा करे, उसे इतिहास ही रहने देना चाहिए।