सोमवार रात की जोरदार बारिश ने गुवाहाटी की हालत खराब कर दी। मंगलवार सुबह तक शहर के कई इलाके पानी में डूबे रहे, जिससे सड़कें, घर, और दुकानों तक में पानी भर गया और लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से ठप हो गई।
हर तरफ पानी ही पानी
शहर में कई जगह लोगों को घुटनों से लेकर छाती तक पानी में चलना पड़ा। जू रोड, नबीन नगर, हाटीगांव, गणेशगुड़ी, गीता नगर, मालीगांव, हेदायतपुर, गुवाहाटी क्लब, उलूबाड़ी, लचित नगर, चांदमारी और पांजाबाड़ी जैसे इलाकों में भारी जलजमाव हो गया।
इसके अलावा जीएस रोड, जोराबाट, तरुण नगर, जटिया, ज्योतिकुची, घोरामारा, VIP रोड, रुक्मिणी गांव, सर्वे और छत्रीबाड़ी में भी पानी भर गया।
स्कूल बंद, एंबुलेंस फंसीं, ट्रैफिक जाम
जलभराव के चलते कई स्कूलों को क्लास और परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं। बच्चों की बसें और निजी वाहन पानी में फंस गए। कुछ जगहों पर एम्बुलेंस भी समय पर नहीं पहुंच पाई, जिससे मरीजों को दिक्कत हुई।
बिजली सप्लाई भी कई कॉलोनियों में बाधित रही और शहर भर में ट्रैफिक बुरी तरह जाम हो गया।
अभी और बारिश बाकी: मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले दो-तीन दिन और भारी बारिश हो सकती है। सिर्फ 20 मई को ही गुवाहाटी में 112.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
IMD का कहना है कि कुछ इलाकों में बारिश 200 मिमी तक जा सकती है, जिससे जलभराव, ट्रैफिक, पेड़ गिरने और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने आपदा राहत टीमें तैनात कर दी हैं।
निचले इलाकों के लोग सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें
प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वो निचले इलाकों में खास सावधानी बरतें, जरूरी न हो तो घर से न निकलें, और सरकारी चेतावनियों पर ध्यान दें।
मंत्री स्कूटी पर पहुंचे, मेघालय को ठहराया जिम्मेदार
राज्य के गृह और शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ खुद स्कूटी पर सवार होकर हालात का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने कहा कि मेघालय की पहाड़ियों से आने वाला पानी हालात को और खराब कर रहा है।
उन्होंने बताया कि शहर में कुछ स्लूस गेट तो हैं, लेकिन इतनी भारी बारिश का पानी रोक पाना मुश्किल हो रहा है। पंपिंग से भी खास राहत नहीं मिल रही।
फ्लड जिहाद की बात फिर से उठी
मंत्री बरुआ ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का पुराना बयान दोहराया कि मेघालय की यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (USTM) की तरफ से की जा रही पहाड़ी कटाई की वजह से जलभराव और बढ़ रहा है। उन्होंने इसे ‘फ्लड जिहाद’ कहा।
कोर्ट की फटकार
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने भी पिछले साल अगस्त में जलभराव को लेकर सरकार को फटकार लगाई थी। चार सरकारी विभागों पर ₹1,000 का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उन्होंने कोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।
कब मिलेगा स्थायी हल?
हर साल बारिश में गुवाहाटी पानी में डूब जाता है। अब एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि खराब ड्रेनेज सिस्टम और अनियोजित शहरी विकास के चलते कब तक लोग इसी तरह परेशान होते रहेंगे? स्थायी समाधान अब भी दूर है।
(सूचना स्रोत: पीटीआई)