शनिवार को बलूच विद्रोहियों ने एक बार फिर पाकिस्तान की सेना पर जबरदस्त हमला किया। ये हमला बलूचिस्तान के मंगोचर शहर में हुआ, जहां पाकिस्तानी सेना के काफिले को बम धमाकों से उड़ा दिया गया। बताया जा रहा है कि इस हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और कुछ घायल भी हुए हैं।
लेटेस्ट जानकारी के अनुसार, यह हमला दो अलग-अलग जगहों पर किया गया। पहले बम धमाके से सेना के काफिले की गाड़ियों को निशाना बनाया गया और फिर गोलियों से हमला किया गया।
BLA ने ली हमले की ज़िम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। BLA ने साफ कहा है कि यह हमला वरिष्ठ बलूच पत्रकार लतीफ बलोच की निर्मम हत्या का बदला है।
लतीफ बलोच, जो आज न्यूज चैनल से जुड़े हुए थे, बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों और स्थानीय जनता के दमन की रिपोर्टिंग कर रहे थे। उनके चलते पाकिस्तान सरकार और सेना की पोल कई बार खुल चुकी थी।
लतीफ बलोच की हत्या से भड़का आक्रोश
बलूच नेताओं का कहना है कि लतीफ बलोच की हत्या पाकिस्तान सेना समर्थित मिलिशिया द्वारा करवाई गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक हथियारबंद गिरोह ने उनके घर में घुसकर, उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोलियों से भून दिया। इस निर्मम हत्या ने पूरे बलूचिस्तान में गुस्से की लहर फैला दी।
बलूच समुदाय और कई मानवाधिकार संगठन इस हत्या की कड़ी निंदा कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर भी इसका खूब विरोध हुआ है और जगह-जगह प्रदर्शन हुए हैं।
आम लोग भी सेना से नाराज हैं
बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से लंबे समय से नाराज हैं। बलूच नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान सरकार उनके संसाधनों का शोषण कर रही है, लेकिन उन्हें बुनियादी अधिकार तक नहीं मिलते।
यहां के लोग साफ तौर पर कहते हैं कि वे पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते। उनका मानना है कि पाकिस्तान केवल उनके तेल, गैस और खनिजों का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि बदले में उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार जैसी सुविधाएं नहीं दी जा रहीं।
क्या है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA)?
BLA एक विद्रोही संगठन है जो बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ रहा है। यह संगठन पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ खुलकर लड़ाई लड़ता है। यह मानता है कि बलूच लोगों को अपने संसाधनों और जमीन पर खुद का अधिकार होना चाहिए।
BLA और ऐसे अन्य संगठन कई बार कह चुके हैं कि वे पाकिस्तान के साथ नहीं रह सकते क्योंकि उन्हें न बराबरी का अधिकार मिलता है और न ही इंसाफ।
क्या आगे और तेज होंगे हमले?
लतीफ बलोच की हत्या और सेना की दमनकारी नीतियों ने बलूच संगठनों को और ज्यादा उकसाया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाकिस्तान सरकार और सेना ने बलूच समुदाय की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आने वाले दिनों में हमले और ज्यादा घातक हो सकते हैं।
बलूचिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सेना और विद्रोहियों के बीच टकराव अब आम लोगों तक पहुंच गया है। पत्रकारों की हत्या, लोगों को अगवा करना, और मानवाधिकारों का उल्लंघन अब आम बात हो गई है।
बलूच समुदाय की नाराज़गी अब केवल विरोध तक सीमित नहीं है, अब वे हथियार उठाकर जवाब दे रहे हैं। और जब तक पाकिस्तान बलूचों की आवाज़ नहीं सुनेगा, यह संघर्ष रुकने वाला नहीं है।