कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर बैंकों के जरिए आम जनता से जबरन वसूली करने का आरोप लगाया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बैंकों को ‘कलेक्शन एजेंट’ में बदल दिया है और सेवा शुल्क के नाम पर जनता की जेब पर बोझ बढ़ा रही है। खड़गे ने दावा किया कि वर्ष 2018 से 2024 के बीच बचत और जनधन खातों में न्यूनतम बैलेंस न रखने पर सरकार ने ₹43,500 करोड़ की वसूली की है।
ATM से पैसा निकालना हुआ महंगा
आरबीआई (RBI) ने 28 मई को एक सर्कुलर जारी कर एटीएम ट्रांजैक्शन शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। इसके तहत, 1 मई से ग्राहकों को मासिक फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा पार करने पर हर अतिरिक्त लेन-देन पर ₹2 अधिक चुकाने होंगे।
बढ़े हुए शुल्क इस प्रकार हैं:
- मेट्रो शहरों में होम बैंक के एटीएम से 5 ट्रांजैक्शन फ्री होंगे, उसके बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर ₹23 शुल्क देना होगा, जो पहले ₹21 था।
- अन्य बैंकों के एटीएम से मेट्रो शहरों में 3 और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 ट्रांजैक्शन फ्री होंगे, उसके बाद शुल्क ₹19 लगेगा, जो पहले ₹17 था।
आरबीआई ने यह फैसला व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स की मांग पर लिया, जिनका तर्क है कि बढ़ती ऑपरेशनल लागत के कारण शुल्क बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। इस वृद्धि से छोटे बैंकों के ग्राहक ज्यादा प्रभावित होंगे।
बैंकिंग शुल्कों की लंबी लिस्ट, जनता पर बढ़ता बोझ
खड़गे ने सोशल मीडिया पर बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले विभिन्न शुल्कों की सूची साझा करते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संसद में इन शुल्कों से होने वाली कुल वसूली का डेटा तक साझा नहीं करती।
बैंकिंग सेवाओं पर प्रमुख शुल्क:
- इन-एक्टिविटी शुल्क: ₹100-₹200 प्रति वर्ष
- बैंक स्टेटमेंट शुल्क: ₹50-₹100
- एसएमएस अलर्ट शुल्क: ₹20-₹25 प्रति तिमाही
- लोन प्रोसेसिंग शुल्क: 1-3%
- समय से लोन चुकाने पर भी प्री-क्लोजर शुल्क
- NEFT और डिमांड ड्राफ्ट पर अतिरिक्त शुल्क
- KYC अपडेट (हस्ताक्षर अपडेट आदि) कराने पर शुल्क
खड़गे ने इस बढ़ती महंगाई को “दर्दनाक महंगाई + बेलगाम लूट = वसूली के लिए बीजेपी का मंत्र” करार दिया।
राहुल गांधी का आरोप: अरबपतियों के ₹16 लाख करोड़ के कर्ज माफ
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने अरबपति मित्रों के ₹16 लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिए, जिससे बैंकिंग सेक्टर संकट में आ गया।
राहुल गांधी ने बताया कि संसद में ICICI बैंक के 782 पूर्व कर्मचारियों से बातचीत के दौरान उन्हें बैंकिंग सेक्टर में हो रहे शोषण की जानकारी मिली। उन्होंने दावा किया कि यदि कोई बैंक कर्मचारी अवैध लोन देने की पोल खोलने की कोशिश करता है, तो उसे प्रताड़ित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे कर्मचारियों का जबरन ट्रांसफर कर दिया जाता है या बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया के नौकरी से निकाल दिया जाता है। राहुल ने दो ऐसे मामलों का भी जिक्र किया, जहां दबाव के कारण कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली थी।
बढ़ती महंगाई और बैंकिंग शुल्कों पर विपक्ष का हमला
बढ़ते बैंकिंग शुल्कों को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि एक ओर आम जनता से हर छोटी-बड़ी बैंकिंग सेवा के लिए शुल्क लिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अरबपतियों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों पर क्या सफाई देती है और क्या जनता को कोई राहत मिलती है।