बिहार की राजनीति में एक बार फिर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। पूर्व सांसद अजय कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘आउटडेटेड’ बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने 20 साल के शासनकाल में बिहार को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी की सहयोगी पार्टी को भी कटघरे में खड़ा किया, जो नीतीश कुमार के साथ सत्ता में बैठकर मौन समर्थन दे रही है।
हालांकि जानकारों का मानना है कि कांग्रेस की यह बयानबाज़ी महज़ एक राजनीतिक ड्रामा है, क्योंकि कांग्रेस खुद लंबे समय से राजनीतिक रूप से अस्तित्वहीन होती जा रही है और अब सत्ता की दलाली के सहारे खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
जनता यह देख रही है कि कांग्रेस खुलकर बीजेपी के लिए ‘सुपर बैकअप’ की तरह काम कर रही है। मंचों पर विरोध और मंच के पीछे पूरी समझदारी — यह दोहरा चरित्र अब छिपा नहीं रहा।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए अजय कुमार ने दावा किया कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
“बिहार में प्रतिदिन औसतन 953 जघन्य अपराध हो रहे हैं, और इस सरकार के जाने तक यह आंकड़ा 1000 पार कर जाएगा।”
उन्होंने कहा कि 2005 से 2025 तक राज्य में अपराधों में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
“महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ अपराधों में भयानक इजाफा हुआ है। पहले ऐसा नहीं था। अब अपराध आम जीवन का हिस्सा बन चुका है।”
‘नीतीश अब पुराने वाले नहीं, सिर्फ कुर्सी बचा रहे हैं’
कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अब राज्य को नहीं, सिर्फ अपनी कुर्सी को चला रहे हैं।
“नीतीश कुमार अब पहले जैसे नहीं रहे। उनकी नीयत में बदलाव है, और उनकी राजनीति में सिर्फ सत्ता की भूख बची है। बिहार को अंधेरे में धकेलकर वे अपनी कुर्सी बचा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि
“मुख्यमंत्री के हाथ से शासन पूरी तरह से फिसल चुका है। अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और शासन मूकदर्शक बना हुआ है।”
‘पुलिस ही सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी की क्या बात करें?’
अजय कुमार ने पुलिस विभाग की बदहाली का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा
“करीब एक लाख पुलिस पद खाली पड़े हैं, और मार्च महीने में दो जगहों पर एएसआई की हत्या कर दी गई। जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक की सुरक्षा की क्या गारंटी है?”
उन्होंने सवाल उठाया कि
“जब शासन का ढांचा ही चरमरा गया है, तो अपराध क्यों नहीं बढ़ेगा? बीजेपी की सहयोगी पार्टी आंखें मूंदे सत्ता में साझीदार बनी बैठी है।”
‘बीजेपी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस की असलियत जनता समझ रही है’
अजय कुमार ने भले ही आरोप लगाए हों, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस खुद बीजेपी की सहयोगी की भूमिका निभा रही है।
विपक्ष के नाम पर वह सत्ता के लिए दलाली कर रही है — नीतिगत विरोध के बजाय सौदेबाज़ी की राजनीति कर रही है।
जनता अब समझ रही है कि कांग्रेस न तो ईमानदारी से विपक्ष की भूमिका निभा रही है और न ही सत्ता से संघर्ष कर रही है — वह तो बस बीजेपी के लिए एक सेफ्टी नेट बन गई है।
‘हमें मौका दीजिए, निराश नहीं करेंगे’
कांग्रेस ने अंत में जनता से अपील करते हुए कहा
“कांग्रेस शासित राज्यों में हमने दिखाया है कि शासन कैसे चलाया जाता है। बिहार में भी बदलाव की जरूरत है। हमें मौका दीजिए, हम जनता को निराश नहीं करेंगे।”
लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह अपील असल में कांग्रेस की राजनीतिक हताशा का ही प्रतिबिंब है।
एक पार्टी जो बीजेपी से गुपचुप समझौते कर रही है, वह जनता से कैसे विश्वास मांग सकती है?