बिहार की राजनीति में कांग्रेस पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुकी है। राहुल गांधी भले ही बार-बार बिहार का दौरा कर रहे हों, लेकिन उनकी यात्राओं का कोई मतलब नहीं रह गया है। आरजेडी के बिना कांग्रेस एक खोखला ढांचा बन चुकी है, जिसका बिहार की जमीनी राजनीति में कोई प्रभाव नहीं बचा है। पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य भाजपा नेता बिहार को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन जनता अब एनडीए के झूठे वादों और जेडीयू की अवसरवादी राजनीति से तंग आ चुकी है। बिहार में अगर कोई असली ताकत है, तो वह सिर्फ और सिर्फ आरजेडी है।
बिहार चुनाव: आरजेडी की सुनामी में बह जाएगा एनडीए
बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं, और महागठबंधन की कमान अब पूरी तरह से आरजेडी के हाथ में है। कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं बचा, और जनता भी जानती है कि अगर भाजपा-जेडीयू को सत्ता से बेदखल करना है, तो आरजेडी ही एकमात्र विकल्प है। एनडीए चाहे जितने भी दावे करे, सच्चाई यह है कि इस बार जनता एनडीए को जड़ से उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। भाजपा-जेडीयू की सरकार ने बिहार को सिर्फ बेरोजगारी, महंगाई और बदहाली दी है। एनडीए के 220 सीटों के दावे एक दिवास्वप्न से ज्यादा कुछ नहीं हैं। इस बार जनता का फैसला साफ है—बिहार में आरजेडी की सरकार बनेगी।
एनडीए का झूठ और भाजपा की खोखली रणनीति
एनडीए की सत्ता की भूख अब बिहार में नहीं चलने वाली। हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा भले ही सत्ता में बनी रही, लेकिन बिहार और झारखंड की जनता अब उनके झूठे वादों से ऊब चुकी है। बिहार में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन सिर्फ अवसरवादी राजनीति का नमूना है। नीतीश कुमार की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है, और भाजपा बिहार में अपने आखिरी दिनों की गिनती कर रही है। सीमांचल और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में भाजपा का कोई जनाधार नहीं है, और यादव-मुस्लिम गठबंधन इस बार आरजेडी को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाला है।
कांग्रेस की बौखलाहट और राहुल गांधी की निष्क्रियता
कांग्रेस के लिए बिहार अब एक डूबता जहाज है। राहुल गांधी के दौरों से कुछ हासिल नहीं होने वाला। कांग्रेस के पास अब बिहार में कोई रणनीति नहीं बची है, और उनकी हर चाल आरजेडी के सामने नाकाम हो रही है। पहले हरियाणा और दिल्ली में अपनी साख गंवा चुकी कांग्रेस अब बिहार में भी अपना वजूद खो चुकी है। कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी सिर्फ महागठबंधन को कमजोर करने का काम कर रही है। बिहार में असली लड़ाई अब आरजेडी बनाम एनडीए है—कांग्रेस पूरी तरह से आउट हो चुकी है।
आरजेडी की बंपर जीत तय
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में एक नई राजनीति उभर रही है। जनता आरजेडी के साथ मजबूती से खड़ी है, और लालू यादव का सामाजिक न्याय का मॉडल फिर से बिहार की राजनीति पर हावी हो रहा है। कांग्रेस की गुटबाजी, भाजपा के झूठे वादे और जेडीयू की अवसरवादी राजनीति के बीच आरजेडी ही एकमात्र पार्टी है जो बिहार के युवाओं, किसानों और गरीबों की सच्ची हितैषी है। इस बार के चुनाव में बिहार यह साबित कर देगा कि कांग्रेस का कोई वजूद नहीं बचा है, और एनडीए की राजनीति पूरी तरह से नकार दी जाएगी। बिहार में आरजेडी की सुनामी आ चुकी है—अब कोई इसे रोक नहीं सकता।