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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जमुई सदर सीट पर क्या राजपूत नेताओं की वापसी होगी या स्थिति बदल जाएगी

जमुई सदर सीट पर क्या राजपूत नेताओं की वापसी होगी या स्थिति बदल जाएगी? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस हॉट सीट पर जातीय समीकरण, राजनीतिक इतिहास और जमीनी मुद्दे तय करेंगे अगला विजेता। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

जमुई सदर सीट पर क्या राजपूत नेताओं की वापसी होगी या स्थिति बदल जाएगी—इस सवाल ने जामुई सदर निर्वाचन क्षेत्र के चारों ओर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहा है। पिछली बार, बीजेपी की श्रेयसी सिंह की अप्रत्याशित जीत, जिसमें उन्होंने निवर्तमान आरजेडी विधायक विजय प्रकाश को भारी मतों से हराया था। लेकिन इस बार, लड़ाई कहीं अधिक दिलचस्प है क्योंकि यह सीट एक ‘हॉटसीट’ बन गई है।

इतिहास के लिहाज से, जामुई राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, और यह धार्मिक विश्वासों में भी विशेष स्थान रखता है। कहा जाता है कि गिद्धों के राजा जटायु ने रावण से लड़ाई की थी, जब वह माता सीता को लंका लेकर जा रहा था, आज भी खैरा का गिद्धेश्वर पर्वत इस पुरातात्विक घटना की याद दिलाता है।

इस क्षेत्र का राजनीतिक चेहरा कौन है?

यदि हम जामुई विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव इतिहास पर नज़र डालें, तो राजपूत नेताओं ने सबसे अधिक बार चुनाव जीते हैं। यहाँ कुल 11 राजपूत विधायकों का चयन किया गया है। इनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष त्रिपुरारी प्रसाद सिंह चार बार और सुशील कुमार सिंह, तीन बार लोक जनशक्ति पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक बने।

इसके अलावा, इस सीट का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह, उनके पुत्र अभय सिंह और अजय प्रताप सिंह ने भी किया है। 2015 में, यादव समुदाय के विजय प्रकाश ने पहली बार जीत हासिल की, लेकिन 2020 में बीजेपी की श्रेयसी सिंह से हार गए। दिलचस्प बात यह है कि एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने भी 1980 में इस सीट पर जीत हासिल की थी।

जातीय समीकरण – वास्तव में किसके पास शक्ति है?

जामुई सदर निर्वाचन क्षेत्र की कुल मतदाता संख्या 3.2 लाख है। इनमें से 2.7 लाख पुरुष मतदाता और 2.5 लाख महिला मतदाता हैं, और वहाँ 3 पंजीकृत ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं।

जातीय संरचना के संदर्भ में, यादव, मुस्लिम और राजपूत मतदाता सबसे महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, जीत की सच्ची कुंजी अनुसूचित जाति के मतदाताओं के हाथ में है, जो लगभग 19 प्रतिशत बनाते हैं।

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जमीनी स्तर के मुद्दे– जनता किन समस्याएं से है परेशान?

जामुई विधानसभा क्षेत्र में बारहट, सदर और खैरा ब्लॉक के 10 पंचायतों और जामुई नगर परिषद के 30 वार्ड शामिल आते हैं।

यहां की सबसे बड़ी समस्याओं की सूची नीचे दी गई है:

  • गंदे पानी की निकासी की गंभीर कमी
  • बायपास सड़क की अनुपस्थिति के कारण गंभीर ट्रैफिक जाम
  • शहरों की तरफ गांवों से बढ़ते पलायन का कारण रोजगार
  • जिले में PG कॉलेज नहीं होने से छात्रों को पढ़ाई करने बाहर जाना पड़ता है

इन जरुरत मुद्दों को लेकर जनता अब जागरूक हो चुकी है और आगामी चुनाव में जनता अपने सवालों के जवाब चाहती है।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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