केंद्र सरकार की ओर से बुनियादी ढांचे और कृषि विकास के क्षेत्र में दो बड़ी सौगातें बिहार को मिली हैं। कैबिनेट ने मंगलवार को 6,282 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘कोसी-मेची नदी जोड़ परियोजना’ और 3,712 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘पटना-आरा-सासाराम फोरलेन कॉरिडोर’ को मंजूरी दे दी है।
कोसी-मेची लिंक परियोजना से किसानों को सिंचाई और बाढ़ से राहत
यह बहुप्रतीक्षित परियोजना पूर्वोत्तर बिहार के चार जिलों — अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार — के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के तहत कोसी नदी के अतिरिक्त 2,050 मिलियन घन मीटर पानी को मेची नदी से जोड़ा जाएगा, जिससे बाढ़ प्रभावित और सिंचाई से वंचित क्षेत्रों को राहत मिलेगी।
इस उद्देश्य के लिए ईस्टर्न कोसी मेन कैनाल (EKMC) का विस्तार कर उसे मेची नदी से जोड़ने की योजना है। नहर और एस्केप चैनल को भी नया स्वरूप दिया जाएगा। इससे 2.10 लाख हेक्टेयर भूमि को खरीफ फसल के लिए अतिरिक्त सिंचाई सुविधा मिलेगी और बाढ़ नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर: विकास की नई रफ्तार
बिहार के सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को नई गति देने के लिए कैबिनेट ने 120.10 किलोमीटर लंबी 4-लेन पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर परियोजना को भी मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्यूटी मोड (HAM) पर विकसित होगा और इससे तीन प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय 3 से 4 घंटे से घटकर काफी कम हो जाएगा।
इस कॉरिडोर में:
- 10.6 किमी पुराने हाईवे का उन्नयन
- कनेक्टिविटी NH-19, NH-319, NH-922, NH-131G और NH-120 से
- बेहतर जुड़ाव जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, बिहटा एयरपोर्ट, दानापुर और सासाराम रेलवे स्टेशन से
रोज़गार और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
यह प्रोजेक्ट न केवल कनेक्टिविटी को सुधार देगा, बल्कि इससे 48 लाख रोजगार के अवसर भी सृजित होने की उम्मीद है। औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी।