बिहार में राजनीतिक इफ्तार पार्टियां सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शक्ति प्रदर्शन का जरिया भी बन गई हैं। इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पटना में एक भव्य इफ्तार पार्टी आयोजित की, लेकिन इस कार्यक्रम में कांग्रेस और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बन गई।
मुख्य बिंदु:
- लालू यादव का आयोजन: इफ्तार पार्टी पटना में राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के आवास पर हुई, जिसमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव मौजूद रहे।
- गैरमौजूद सहयोगी: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी इस आयोजन से दूर रहे।
- जदयू का तंज: जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा, “इफ्तार की शान गई, जब साथी कन्नी काट गए। कांग्रेस भी अब दूर खड़ी, रिश्ते सारे टूट गए।”
- राजद की सफाई: अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति पर सफाई देते हुए कहा कि रमजान के आखिरी अशरे में नेताओं की व्यस्तता स्वाभाविक है।
- मुकेश सहनी का अलग कार्यक्रम: सहनी मुजफ्फरपुर में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित इफ्तार में शामिल हुए, जिस कारण वे लालू यादव के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
- राजनीतिक मायने: महागठबंधन में समन्वय की कमी पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि बिहार की सियासत में इफ्तार भी राजनीतिक समीकरणों का हिस्सा बन गया है, और सहयोगी दलों की दूरियां नई राजनीतिक संभावनाओं की ओर इशारा कर रही हैं।