बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ उस समय आया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने खुद को आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह ऐलान उस समय हुआ जब कांग्रेस पार्टी ने भले ही RJD के साथ गठबंधन की घोषणा की है, लेकिन उन्होंने तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने से इनकार किया है। तेजस्वी यादव के इस फैसले ने महागठबंधन की राजनीति में एक स्पष्ट दिशा देने की कोशिश की है।
तेजस्वी यादव ने मुसहर भुइयां महारैली सह संवाद कार्यक्रम में यह घोषणा की और कहा, “जिस दिन तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेगा, उस दिन झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले हर गरीब को पक्का मकान मिलेगा।” यह बयान केवल एक चुनावी वादा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की राजनीति की वापसी का संकेत भी माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने जो नींव रखी थी, उसी पर वे चल रहे हैं और उसी विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो जिनके पास ज़मीन नहीं है, उन्हें ज़मीन दी जाएगी। जिनके पास मकान नहीं है, उन्हें पक्के मकान दिए जाएंगे। युवाओं को रोजगार मिलेगा और महंगाई से लोगों को राहत दिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने गरीबों को बसाने की बजाय उन्हें उजाड़ने का काम किया है।
तेजस्वी ने एक भावुक अपील करते हुए कहा, “हमारी सरकार बनने पर मैं खुद मुख्यमंत्री बनकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाऊंगा।” उनका यह बयान इस ओर भी इशारा करता है कि वे गठबंधन में किसी प्रकार की दुविधा या नेतृत्व की अस्पष्टता नहीं चाहते।
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की हालत अब दयनीय हो गई है और भाजपा ने उन्हें पूरी तरह से हाईजैक कर लिया है। मोदी सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी बोले, “मोदी जी हर राज्य को भाषणों में नंबर वन बताते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार आज भी सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य बना हुआ है।”
तेजस्वी यादव ने लालू यादव के समय की राजनीति को याद करते हुए कहा कि उनके पिता ने कभी भी लोगों को धर्म या जाति के आधार पर नहीं बांटा, बल्कि उन्होंने हमेशा गरीबों और वंचितों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, “आज फिर से उसी सोच और संघर्ष की जरूरत है।”
भाषण के अंत में तेजस्वी ने दोहराया कि अगर RJD और महागठबंधन की सरकार बनती है, तो उनकी पहली प्राथमिकता गरीबों का पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार सुनिश्चित करना होगा। यह केवल एक चुनावी वादा नहीं, बल्कि एक सामाजिक पुनर्निर्माण का दृष्टिकोण है जिसे वे आगे ले जाना चाहते हैं।