बिहार की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई जब नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला। पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने राज्य सरकार को “भ्रष्टाचार और अपराध के दोहरे इंजन” वाली सरकार बताया।
तेजस्वी यादव ने कहा,
“बिहार में डबल इंजन की सरकार है—एक इंजन भ्रष्टाचार का है और दूसरा अपराध का। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार का असली चेहरा अब जनता के सामने है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दो दशकों में बिहार में अपराधियों को संरक्षण और भ्रष्ट अधिकारियों को लगातार पदोन्नति मिलती रही है। तेजस्वी ने कहा,
“जो डीके टैक्स देगा, उसे मलाईदार पोस्ट मिलेगा। अपराधियों को छुड़ाने के लिए नियम बनाए जाते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर मिठाई खिलाई जाती है। वहीं, जो अधिकारी जितनी बड़ी गलती करता है, उसकी पदोन्नति उतनी ही जल्दी होती है।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर भी जमकर हमला
तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार और तथाकथित सेक्युलर पार्टियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने बताया कि राजद ने संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक का पुरज़ोर विरोध किया, लेकिन कई पार्टियों और नेताओं ने या तो चुप्पी साध ली या विधेयक का समर्थन कर दिया।
“जो खुद को सेक्युलर कहते थे, उनका पर्दाफाश हो गया है। इस विधेयक का समर्थन करने वालों को बिहार की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी।”
जदयू अब बीजेपी में तब्दील: तेजस्वी यादव
जदयू के बदलते रुख पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा,
“अब जेडीयू, जेडीयू नहीं रही, वह पूरी तरह से बीजेपी में तब्दील हो गई है। हम उस पार्टी के पुराने समाजवादी नेताओं से अपील करते हैं कि वे इस जनविरोधी रुख के खिलाफ मजबूती से खड़े हों।”
लालू यादव की तबीयत में सुधार
तेजस्वी ने इस मौके पर अपने पिता और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सेहत की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा,
“लालू जी की तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है। करोड़ों लोगों की दुआओं का असर दिख रहा है। वह पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं और जल्द पूरी तरह स्वस्थ होंगे।”
राजनीतिक रणनीति का नया संकेत
तेजस्वी यादव के इन बयानों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि राजद आगामी चुनावों से पहले सरकार को चारों ओर से घेरने की रणनीति पर सक्रिय है। भ्रष्टाचार, अपराध और अल्पसंख्यक अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर तेजस्वी की यह आक्रामकता बिहार की सियासत में एक नई बहस को जन्म दे सकती है।