बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक Opinion Poll ने राज्य की राजनीति में गर्माहट ला दी है। इस सर्वे के नतीजों ने साफ कर दिया है कि इस बार मुकाबला कांटे का होगा। जहां एक ओर NDA (BJP+JDU) को सत्ता बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, वहीं दूसरी ओर Tejashwi Yadav के नेतृत्व में महागठबंधन (RJD+Congress+Left) सत्ता के बेहद करीब पहुंचता नजर आ रहा है।
15 मार्च से 5 जून 2025 के बीच कराए गए इस Opinion Poll में बिहार के सभी 38 जिलों के 243 विधानसभा क्षेत्रों के 5 लाख से ज्यादा लोगों से बातचीत की गई। सर्वे के अनुसार, महागठबंधन को कुल 44.2% वोट शेयर के साथ लगभग 126 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत (122 सीटें) के बेहद करीब है। दूसरी ओर, NDA को इस सर्वे में लगभग 112 सीटें मिलने का अनुमान है, जो उन्हें सत्ता से दूर कर सकता है।
Tejashwi Yadav बने मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार
इस Opinion Poll में यह भी देखने को मिला कि मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद अब Tejashwi Yadav बन चुके हैं। कुल 43% लोगों ने उन्हें अगला सीएम बनाने की इच्छा जताई है। वहीं, मुख्यमंत्री Nitish Kumar को केवल 31% लोगों का समर्थन मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि चुनावी मैदान में पहली बार उतरे Prashant Kishor को भी 9% लोगों ने विकल्प के रूप में देखा है।
मुख्यमंत्री पसंद सर्वे (Age Wise CM Preference)
आयु वर्ग | नीतीश कुमार | तेजस्वी यादव | प्रशांत किशोर | चिराग पासवान |
18-29 वर्ष | 27.73% | 41.97% | 1.95% | 7.09% |
30-39 वर्ष | 35.43% | 42.96% | 2.29% | 3.90% |
40-49 वर्ष | 41.20% | 33.27% | 1.90% | 5.42% |
50-59 वर्ष | 44.30% | 33.44% | 1.91% | 1.92% |
60+ वर्ष | 23.08% | 35.61% | 2.64% | 14.51% |
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का ग्राफ ऊपर जा रहा है, 45% अप्रूवल मिल रहा है उन्हें, और 35% लोग उन्हें अगला CM देखना चाहते हैं। नीतीश अब दूसरे पायदान पर हैं (25%), जबकि चिराग पासवान 16% यूथ वोट और पासवान समुदाय के दम पर पकड़ बना रहे हैं।
Jan Suraaj Party को नहीं मिला खास समर्थन
Prashant Kishor की नई पार्टी Jan Suraaj को इस सर्वे में निराशा हाथ लगी है। सर्वे के मुताबिक, उनकी पार्टी को सिर्फ 2.7% वोट मिलने की संभावना है और वह केवल एक सीट पर सिमट सकती है। जबकि PK ने 2024 में 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी लॉन्च कर सभी 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया था। मगर जनता ने उन्हें बड़े विकल्प के तौर पर अभी स्वीकार नहीं किया है।
जाति जनगणना 2023 का असर
जाति-जनगणना के अनुसार OBC+EBC वर्ग की कुल जनसंख्या लगभग 63% है। RJD, JDU जैसे दल इन जातियों पर दशकों से निर्भर रहे हैं।
वर्ग | प्रतिशत (%) |
ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) | 27.13% |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) | 36.01% |
अनुसूचित जाति (SC) | 19.65% |
अनुसूचित जनजाति (ST) | 1.68% |
अनारक्षित (सामान्य) वर्ग | 15.52% |

आगामी विधानसभा चुनाव 2025 पूरी तरह से जातिगत दांव-पेंच, नए आरक्षण व सामाजिक समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमने वाला दिख रहा है।

इस जातीय गणित के अनुसार RJD और NDA दोनों अपने-अपने कोर वोटर को साधने में लगे हैं। VIP, HAM जैसी छोटी पार्टियाँ भी अपनी जातीय bargaining power का इस्तेमाल कर सीटों की डिमांड बढ़ा रही हैं।
भाजपा की रणनीतिक उलझन
भाजपा के लिए दुविधा यह है कि यदि वह खुलकर जाति आधारित नीतियों का समर्थन करती है तो उसके परंपरागत सवर्ण मतदाता नाराज़ हो सकते हैं। लेकिन OBC वर्ग में बढ़ती जागरूकता को नज़रअंदाज़ करना उसके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके समाधान के तौर पर BJP ‘सबका साथ-सबका विकास’ और जाति से इतर मुद्दों (रोज़गार, विकास) को प्रमुख बनाने का प्रयास कर रही है।
क्या महागठबंधन बनाएगा सरकार?
हालांकि यह Opinion Poll अभी केवल एक अनुमान है, असली नतीजे तो अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के बाद ही सामने आएंगे। मगर इस सर्वे ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार Tejashwi Yadav की अगुआई वाला Mahagathbandhan सरकार बनाने की मजबूत स्थिति में है और NDA के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा।
2024 लोकसभा चुनाव में NDA के सीट्स 39 से घटकर 29 हो गए। INDIA गठबंधन के सीट्स 1 से बढ़कर 11 हो गए। यानी विपक्ष ने थोड़ा मोमेंटम पकड़ लिया है। ये दिखाता है कि 2025 का विधानसभा चुनाव multi-cornered fight होने वाला है, जहाँ जन सुराज और AAP भी नये मसाले डाल रहे हैं।
Bihar Assembly Election 2025 बेहद रोमांचक होने वाले हैं। एक ओर Nitish Kumar की प्रतिष्ठा दांव पर है तो दूसरी ओर Tejashwi Yadav बदलाव का प्रतीक बनकर उभरे हैं। जनता का मूड किस ओर झुकेगा, यह तो वक्त ही बताएगा।