सहरसा/पटना: सहरसा जिले के बहुचर्चित बिजलपुर पैक्स चुनाव में धांधली का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। रजिस्ट्रार कोर्ट, पटना के निर्देश के बाद अब इस विवाद की जांच का जिम्मा संयुक्त निबंधक, सहयोग समितियां, सहरसा को सौंपा गया है। इस संबंध में संयुक्त निबंधक ने मामले से जुड़े सभी पक्षों और कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को 29 जुलाई 2025 को सुनवाई के लिए तलब किया है।
29 जुलाई को अहम सुनवाई, सभी पक्ष तलब
संयुक्त निबंधक के न्यायालय से जारी आदेश (निर्वाचन विवाद वाद संख्या: 202/2025) के अनुसार, 29 जुलाई को सुबह 11:30 बजे होने वाली सुनवाई में याचिकाकर्ता ऋतुराज भारती उर्फ़ बसंत यादव के साथ-साथ अध्यक्ष पद के अन्य उम्मीदवार रहे राहुल कुमार, महेश चौधरी और चुन्नी देवी को अपना-अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा, चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कई महत्वपूर्ण अधिकारियों को भी उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है, जिनमें शामिल हैं:
• जिला पदाधिकारी – सह – निर्वाचन पदाधिकारी, सहरसा
• उप विकास आयुक्त, सहरसा
• अनुमण्डल पदाधिकारी, सहरसा
• सहायक निबंधक, सहयोग समितियाँ, सहरसा
• प्रखण्ड विकास पदाधिकारी – सह – निर्वाचन पदाधिकारी, सत्तरकटैया
• जिला सहकारिता पदाधिकारी, सहरसा
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद पिछले साल 26 नवंबर 2024 को हुए बिजलपुर पैक्स चुनाव से जुड़ा है। उसी रात हुई मतगणना में तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष राहुल कुमार को विजयी घोषित किया गया था। लेकिन, अध्यक्ष पद के बाकी तीन उम्मीदवारों: ऋतुराज भारती उर्फ़ बसंत यादव, महेश चौधरी और चुन्नी देवी ने मतगणना में धांधली का गंभीर आरोप लगाते हुए प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
शिकायत के बाद हुई जांच में 29 नवंबर 2024 को उप विकास आयुक्त (DDC) के समक्ष सभी उम्मीदवारों के सामने CCTV फुटेज की जांच की गई। आरोप है कि फुटेज में धांधली के सबूत मिलने के बावजूद DDC ने अपनी जांच रिपोर्ट में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) को क्लीन चिट दे दी। इसी रिपोर्ट के खिलाफ दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार ऋतुराज भारती ने रजिस्ट्रार कोर्ट, पटना में न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद मामला अब संयुक्त निबंधक के पास पहुंचा है।
अब सभी की निगाहें 29 जुलाई को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां दोनों पक्षों की दलीलों और अधिकारियों के जवाब के बाद यह तय होगा कि बिजलपुर पैक्स चुनाव का भविष्य क्या होगा। इस मामले की सूचना बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार, पटना को भी भेज दी गई है।