पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव का बड़ा हमला: उन्होंने बीजेपी और RSS पर जमकर निशाना साधा और कहा कि बीजेपी की सोच शुरू से ही मंडल विरोधी रही है। पप्पू यादव ने आरोप लगाया, “जब देश मंडल आयोग की सिफारिशों के साथ सामाजिक न्याय की ओर आगे बढ़ रहा था, तब बीजेपी ने कमंडल की राजनीति शुरू की और इससे हजारों लोगों की जान चली गई।”
उन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया कि बीजेपी और RSS अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं। “गोलवलकर की किताब में लिखा है कि इस देश में रहने वाले ईसाई, बौद्ध, सिख — सभी को हिंदू बनना पड़ेगा। सबसे पहले इन्होंने बौद्धों पर हमला किया, फिर ईसाइयों को निशाना बनाया,” उन्होंने कहा।
पप्पू यादव ने नोटबंदी को लेकर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के समय यह कहा गया कि मुसलमान सूद पर पैसा नहीं रखते, बैंक में जमा नहीं करते, इसलिए उनका पैसा खत्म हो जाएगा। लेकिन हुआ उल्टा — मुसलमानों का पैसा बचा रहा और हिंदू मरते चले गए। एक भी मुसलमान नोटबंदी में नहीं मरा।”
GST पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “आप जीएसटी की हालत देखिए। गरीब, व्यापारी, किसान सब तबाह हो गए हैं। ये लोग कहते हैं कि ज़मीन बेचकर पसमांदा मुसलमानों की मदद करेंगे, लेकिन असल में मोदी और योगी हिंदू सम्राट बनने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”
धार्मिक पहचान पर भी उन्होंने सवाल उठाया। पप्पू यादव बोले, “क्या मुसलमान सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन हैं? क्या सिर्फ टोपी पहनने से उनकी पहचान तय हो जाएगी? कुंभ मेले में एक भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जाती, ये कैसा न्याय है?”
इतिहास की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग मुगलों और बाबर की बात करते हैं, उन्होंने ही अंग्रेजों से माफी मांगी और समझौते किए। वक्फ सिर्फ बहाना है, असल मकसद नफरत फैलाना है।”
RSS की सोच पर सीधा वार करते हुए पप्पू यादव ने कहा, “गोलवलकर ने कहा था कि गरीबों को 5 किलो अनाज देकर गुलाम बनाए रखो। RSS की सोच है लोगों को कमजोर और आश्रित बनाकर रखना। इन्होंने हर जाति को गरीब बना दिया। जब कोई सवाल पूछता है, तो उसे खालिस्तानी या आतंकवादी करार दे दिया जाता है।”
पप्पू यादव के इन तीखे बयानों ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उनके शब्द चुनाव से पहले देश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकते हैं।