वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के संसद से पारित होने के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी का इस विधेयक पर क्या रुख है और सरकार से क्या अपेक्षाएँ थीं।
मायावती का बयान:
BSP प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि संसद में वक्फ संशोधन बिल पर सत्ता और विपक्ष के विचारों को सुनने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि केंद्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए और अधिक समय देती तथा उनके सभी संदेहों को दूर करके इसे लाती, तो यह बेहतर होता। हालाँकि, सरकार द्वारा इसे जल्दबाज़ी में पास कराने को लेकर कुछ चिंताएँ व्यक्त की गई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अब जबकि यह विधेयक पारित हो चुका है, सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका दुरुपयोग न हो। यदि किसी प्रकार का दुरुपयोग होता है तो BSP मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी होगी। लेकिन फिलहाल, पार्टी का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने और गरीब मुसलमानों, विशेष रूप से पसमांदा समाज के उत्थान के लिए कारगर साबित हो सकता है।
रात 2 बजे पारित हुआ विधेयक
गुरुवार देर रात राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को व्यापक चर्चा के बाद 128 मतों के समर्थन और 95 मतों के विरोध के साथ पारित किया गया। सरकार का दावा है कि इस विधेयक से वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और गरीब एवं वंचित मुसलमानों, विशेष रूप से महिलाओं को इससे लाभ मिलेगा।
इसके साथ ही संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। लोकसभा ने इन विधेयकों को बुधवार देर रात पारित किया था, जबकि राज्यसभा में इसे दो बजकर 37 मिनट पर मंजूरी दी गई। विपक्ष द्वारा पेश किए गए कई संशोधनों को उच्च सदन ने खारिज कर दिया।
BJP के अनुसार, यह विधेयक वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। BSP ने भी इस पर संतुलित रुख अपनाते हुए मुस्लिम समाज के हितों को ध्यान में रखने की बात कही है।