लोकसभा में आज (बुधवार) दोपहर 12 बजे वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा, लेकिन इससे पहले बिहार की जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] में जबरदस्त मतभेद उभर आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में इस मुद्दे पर दो फाड़ नजर आ रहा है। जेडीयू के एमएलसी और बड़े मुस्लिम नेता गुलाम गौस ने इस बिल का खुलकर विरोध किया और कहा कि अगर यह पेश होगा तो देशभर में मुसलमान आंदोलन करेंगे।
गुलाम गौस की चेतावनी – ‘देश को आंदोलन की भट्टी में मत झोंकिए’
गुलाम गौस का कहना है कि केंद्र सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसे वापस लेने की मांग करते हुए कहा,
“देश को आंदोलन की भट्टी में मत झोंकिए। जिस तरह किसान बिल वापस लिया गया, उसी तरह वक्फ विधेयक भी वापस लिया जाए।”
उनका कहना है कि 1995 का वक्फ अधिनियम पहले से मौजूद है और वह पूरी तरह से पर्याप्त है। इसीलिए इस विधेयक की कोई जरूरत नहीं है।
JDU में फूट, लेकिन सांसदों को जारी हुआ व्हिप
जहां पार्टी के मुस्लिम नेता इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वहीं जेडीयू ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर संसद में उपस्थित रहने और बिल के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब साफ है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सरकार के साथ खड़ा है, जबकि मुस्लिम नेताओं में नाराजगी बढ़ रही है।
BJP में विलय की ओर बढ़ रही JDU?
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, जेडीयू के बीजेपी में विलय की अटकलें तेज हो गई हैं। जेडीयू के लगातार बीजेपी के समर्थन में खड़े रहने और मुस्लिम नेताओं के असंतोष ने इस संभावना को और मजबूत कर दिया है कि जेडीयू जल्द ही औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो सकती है।
आज लोकसभा में होगा बड़ा फैसला
आज (02 अप्रैल 2025) दोपहर 12 बजे लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश होगा। सरकार का लक्ष्य इसे आज लोकसभा में पारित करवाने के बाद गुरुवार (03 अप्रैल) को राज्यसभा में पेश कर मंजूरी दिलाने का है। अब यह देखना होगा कि जेडीयू अपने विरोधी मुस्लिम नेताओं को शांत कर पाती है या बीजेपी में विलय की ओर एक और कदम बढ़ाती है।