एक समय पर दुनिया के सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्टअप्स में शामिल बायजूस (BYJU’S) आज अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है। इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन ने एक भावनात्मक संदेश में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, “कंगाल, लेकिन टूटा नहीं। हम फिर उठेंगे।” उनकी यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब कंपनी कानूनी विवादों और भारी वित्तीय दबाव के कारण अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
22 अरब डॉलर से कर्ज के जाल तक
एक समय पर 22 अरब डॉलर के मूल्यांकन तक पहुंच चुकी बायजूस आज 1 अरब डॉलर के बकाया कर्ज को लेकर अमेरिका और भारत की अदालतों में कानूनी लड़ाइयों में उलझी हुई है। हाल ही में, ऋणदाताओं और निवेशकों के दबाव के चलते कंपनी को व्यापक स्तर पर पुनर्गठन के लिए मजबूर होना पड़ा।
बायजू रवींद्रन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “कंगाल, लेकिन टूटा नहीं। हम फिर उठेंगे।”
“Broke, Not Broken. We Will Rise Again.” – बायजू रवींद्रन (@ByjuofBYJUS), 30 मार्च 2025
सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना
हालांकि, उनकी इस घोषणा को सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलीं। कई उपयोगकर्ताओं ने कंपनी की कार्यशैली और पारदर्शिता पर सवाल उठाए। कुछ उपयोगकर्ताओं ने बायजू के एजुकेशनल काउंसलरों को “गुंडा” तक कह डाला।
एक यूजर ने लिखा, “कर्मा ने तुम्हें बुरी तरह मारा!”
दूसरे ने टिप्पणी की, “हां, लेकिन लालची मत बनो। तुम्हारे कर्मचारी भी लालची थे। छोटे बच्चों के नाम पर लोगों को धोखा देने की कोशिश मत करो।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “तुमने मेहनतकश भारतीय मध्यमवर्गीय माता-पिता के विश्वास का बेशर्मी से शोषण किया, जिन्होंने अपने बच्चों के भविष्य के लिए सबकुछ कुर्बान कर दिया।”
ऋणदाताओं पर गंभीर आरोप
फरवरी में, बायजू रवींद्रन ने कंपनी की वित्तीय स्थिति और चल रहे कानूनी विवादों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ऋणदाताओं और अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि EY इंडिया, अमेरिकी ऋणदाता GLAS ट्रस्ट और IRP पंकज श्रीवास्तव के बीच आपराधिक मिलीभगत के निर्णायक सबूत उनके पास हैं।
उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, “मुझे यकीन है कि गहन जांच सच्चाई को उजागर करेगी। मैं अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।”
आगे की राह
बायजू रवींद्रन ने कंपनी को संकट से उबारने के लिए एक विस्तृत पुनरुद्धार योजना पेश करने की बात कही है। हालांकि, क्या यह योजना कंपनी को दोबारा पटरी पर ला पाएगी या नहीं, यह भविष्य में स्पष्ट होगा। निवेशकों और उपभोक्ताओं की नजर अब बायजूस के अगले कदम पर टिकी हुई है।