बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (BSUSC), पटना द्वारा जारी चार विषय (गणित, उर्दू, दर्शनशास्त्र एवं मनोविज्ञान) में असिस्टेंट प्रोफेसर के परिणाम को देखिए और टॉप-5 पर गौर कीजिए
गणित विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के घोषित परिणामों में टॉप-5 अभ्यर्थियों की सूची
Sr. No | Name | Unique ID | Category | Allotted Category | Gender | Allotted University |
1 | ALKA KUMARI | ALK30101991 / MAT0032619 | Backward Class (BC) | Unreserved (UR) | Female | Patna University, Patna |
2 | AMAR NATH KUMAR | AMA0402198 / MAT0005437 | Extremely Backward Class (EBC) | Unreserved (UR) | Male | Patna University, Patna |
3 | NISHANT KUMAR | NIS09071989 / MAT0035515 | Economically Weaker Section (EWS) | Unreserved (UR) | Male | BRABU, Muzaffarpur |
4 | ANJALI JAISWAL | ANJ02021993 / MAT0010990 | Unreserved (UR) | Unreserved (UR) | Female | Patna University, Patna |
5 | MD ARSHADUZZ AMAN | MDA0103197 / MAT0028050 | Backward Class (BC) | Unreserved (UR) | Male | TMBU, Bhagalpur |
उर्दू विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के घोषित परिणामों में टॉप-5 अभ्यर्थियों की सूची
Sr. No | Name | Unique ID | Category Name | Allotted Category | Gender | Allotted University |
1 | MUSARRAT JAHAN | MUS03101980 / URD0045437 | Unreserved (UR) (Code-01) | Unreserved (UR) | Female | PU, Patna |
2 | MD. RIZWAN | MD.11011981 / URD0064573 | Economically Weaker Section (EWS) (Code-07) | Unreserved (UR) (C-01) | Male | PU, Patna |
3 | AFSHAN BANO | AFS01031984 / URD0041380 | Extremely Backward Class (EBC) (Code-04) | Unreserved (UR) (C-01) | Female | PU, Patna |
4 | REYAJ AHAMAD | REY16021984 / URD0011941 | Unreserved (UR) (Code-01) | Unreserved (UR) | Male | PU, Patna |
5 | MD SHAHABUDDIN | MDS19031974 / URD0033453 | Extremely Backward Class (EBC) (Code-04) | Unreserved (UR) (C-01) | Male | PPU, Patna |
दर्शनशास्त्र विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के घोषित परिणामों में टॉप-5 अभ्यर्थियों की सूची
Sr. No | Name | Unique ID | Category | Allotted Category | Gender | Allotted University |
1 | MUKESH KUMAR CHAURASIA | MUK07011973PF / HIO020822 | Extremely Backward Class (EBC) | Unreserved (UR) | Male | Patna University |
2 | BIRENDRA KUMAR BHARTI | BIR10011975PF / HIO040295 | Backward Class (BC) | Unreserved (UR) | Male | VKSU Ara |
3 | DINESH KUMAR | DIN13071985PF / I0032181 | Unreserved (UR) | Unreserved (UR) | Male | BRABU Muzaffarpur |
4 | CHANDAN KUMAR PANDEY | CHA05081988PF / HIO032046 | Economically Weaker Section (EWS) | Unreserved (UR) | Male | VKSU Ara |
5 | ASHUTOSH TRIPATHI | ASH02011982PF / HIO046902 | Unreserved (UR) | Unreserved (UR) | Male | LNMU Darbhanga |
मनोविज्ञान विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के घोषित परिणामों में टॉप-5 अभ्यर्थियों की सूची
S. No | Name | Unique ID | Category | Allotted Category | Gender | Allotted University |
1 | FARHAT JABIN | FAR28061972 / PSY0053112 | Extremely Backward Class (EBC) | Unreserved (UR) | Female | Patna University |
2 | RASHMI RANI | RAS31121983P / SYO038395 | Unreserved (UR) | Unreserved (UR) | Female | Patna University |
3 | KRISHNA KUMAR SINGH | KRI24091970P / SY0054050 | Backward Class (BC) | Unreserved (UR) | Male | Veer Kunwar Singh University, Bhojpur |
4 | SHRUTI NARAIN | SHR09111985 / PSY0048696 | Unreserved (UR) | Unreserved (UR) | Female | Patna University |
5 | SHWETA RAGINI | SHW12111986 / PSY0027616 | Economically Weaker Section (EWS) | Unreserved (UR) | Female | Patna University |
बिहार की चयन प्रक्रिया का विश्लेषण:
बिहार में BSUSC की भर्ती प्रक्रिया को काफी हद तक निष्पक्ष और समावेशी माना जाता है। इसमें 85% वेटेज अकादमिक मेरिट (लिखित परीक्षा और शैक्षणिक योग्यता) को और 15% साक्षात्कार को दिया जाता है। इस संतुलित प्रणाली के कारण OBC, EBC, BC, SC और ST जैसे आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थी न सिर्फ अपनी श्रेणी में, बल्कि सामान्य वर्ग (UR) में भी अच्छी संख्या में जगह बना पाते हैं। परिणामों से साफ है कि टॉप-5 में OBC (BC/EBC) और EWS अभ्यर्थियों की मजबूत मौजूदगी है, और लगभग 40% UR सीटों पर इनका चयन होता है। इस प्रक्रिया की खासियत यह है कि अभ्यर्थी की पहचान गोपनीय रखी जाती है, और NFS (Not Found Suitable) जैसा कोई नियम नहीं है, जो अन्याय की आशंका को खत्म करता है।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया
दूसरी ओर, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह साक्षात्कार पर आधारित होती है, जहां मेरिट लिस्ट सिर्फ इंटरव्यू के अंकों से बनती है। यह प्रणाली कई बार पक्षपात का शिकार हो जाती है। सुनने में आता है कि साक्षात्कार बोर्ड में कुछ खास लोग, जो शायद किसी विशेष जाति या समूह से ताल्लुक रखते हैं, SC, ST और OBC अभ्यर्थियों को UR श्रेणी में चयनित होने से रोकते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो योग्य अभ्यर्थियों को NFS तक घोषित कर दिया जाता है, भले ही उनके पास उसी विश्वविद्यालय से UG, PG और PhD की डिग्री हो। यह स्थिति न सिर्फ अनुचित है, बल्कि सामाजिक समानता के सिद्धांतों को भी ठेस पहुंचाती है। साक्षात्कार में अभ्यर्थी की पूरी जानकारी—जाति, पृष्ठभूमि आदि—बोर्ड के सामने होती है, जो पक्षपात की संभावना को और बढ़ा देती है।
जातिगत मानसिकता और इसके प्रभाव:
भारत जैसे देश में, जहां जाति व्यवस्था गहरे तक जड़ें जमाए हुए है, कुछ लोग अपनी जाति को श्रेष्ठ मानकर दूसरों को कमतर आंकते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया में यह मानसिकता खुलकर सामने आती है। उदाहरण के लिए, एक अभ्यर्थी जो उसी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करके PhD तक की डिग्री ले चुका हो, उसे NFS घोषित करना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाता है। BSUSC की प्रक्रिया में NFS जैसा कोई विकल्प नहीं है, जो इसे ज्यादा विश्वसनीय और समावेशी बनाता है। बिहार में अभ्यर्थी की योग्यता को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में साक्षात्कार पर आधारित प्रक्रिया व्यक्तिगत राय और पक्षपात को बढ़ावा देती है।
क्या हो सकता है समाधान?:
केंद्रीय विश्वविद्यालयों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार के लिए BSUSC मॉडल से सीख ली जा सकती है। कुछ ठोस सुझाव इस प्रकार हैं:
- स्वतंत्र आयोग की स्थापना: भर्ती प्रक्रिया को एक स्वतंत्र आयोग के हवाले किया जाए, जो लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के संतुलित वेटेज (जैसे 80:20 या 85:15) के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करे।
- साक्षात्कार का वेटेज कम करना: साक्षात्कार का वेटेज 10-20% तक सीमित हो, ताकि व्यक्तिगत पक्षपात की गुंजाइश कम हो।
- गोपनीयता सुनिश्चित करना: साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी की जाति और पृष्ठभूमि की जानकारी गोपनीय रखी जाए, ताकि निष्पक्ष मूल्यांकन हो सके।
- NFS नियम को हटाना: NFS जैसे प्रावधान को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि यह योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय करता है और सामाजिक समानता के लक्ष्य को कमजोर करता है।