बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की। ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब NDA में ‘मुख्यमंत्री चेहरे’ को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। अब सवाल ये उठ रहा है, क्या NDA में सब कुछ सामान्य है या फिर अंदरखाने कुछ खिचड़ी पक रही है?
विरोध से मुलाकात तक: बदलते रिश्तों की कहानी
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर खुलकर हमला बोला था। उन्होंने खुद को हनुमान बताया था और नीतीश सरकार को पूरी तरह फेल करार दिया था। JDU को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी और पार्टी को 34 सीटों का नुकसान हुआ।
अब वही चिराग कह रहे हैं:
बिहार में मुख्यमंत्री पद की कोई वैकेंसी नहीं है। नीतीश कुमार ही NDA के नेता हैं।
पोस्टर विवाद के बाद बढ़ी नज़दीकी?
मुलाकात से ठीक पहले दरभंगा में चिराग के समर्थकों ने ऐसे पोस्टर लगाए थे, जिनमें उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया गया था। बताया जा रहा है कि इस पर नीतीश कुमार ने नाराज़गी जताई, जिसके बाद चिराग ने पहल करते हुए सीएम आवास पर जाकर स्थिति स्पष्ट की।
NDA में कौन है असली CM फेस?
BJP और अन्य NDA सहयोगी पहले ही साफ कर चुके हैं कि 2025 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही NDA के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे। चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी जैसे नेता भी यही दोहराते आ रहे हैं।
हालांकि, अमित शाह के एक पुराने बयान ने कभी कुछ भ्रम पैदा किया था कि बिहार में महाराष्ट्र जैसा कोई फॉर्मूला लागू हो सकता है। लेकिन अभी के संकेत स्पष्ट हैं, नीतीश ही NDA का चेहरा हैं।
तो चिराग क्यों बने हैं सुर्खियों का हिस्सा?
- सीटों की मांग: चिराग की पार्टी इस बार कम से कम 5 लोकसभा सीटों की मांग कर रही है।
- लोकसभा में परफॉर्मेंस: पिछली बार उन्होंने 100% स्ट्राइक रेट के साथ सभी लड़ी गई सीटें जीती थीं।
- विधानसभा में पकड़: भले ही उनका एकमात्र विधायक JDU में शामिल हो गया हो, लेकिन चिराग का दावा है कि वे फिर से अपनी जगह बना लेंगे।
- 2029 की प्लानिंग: चिराग खुलकर कह चुके हैं कि वे 2029 में विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी पार्टी भी उन्हें बिहार की राजनीति में अहम भूमिका देने के पक्ष में है।