बेगूसराय: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक नए विवाद में घिरते नज़र आ रहे हैं। राष्ट्रगान के कथित अपमान के मामले में बेगूसराय की एक अदालत ने उनके खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। यह निर्देश मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) की अदालत ने 25 मार्च 2025 को सुनवाई के बाद दिया।
यह मामला अधिवक्ता विकास पासवान द्वारा दर्ज एक परिवाद पत्र पर आधारित है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान का अपमान किया। यह शिकायत राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत दर्ज कराई गई है।
परिवादी विकास पासवान ने बताया कि 20 मार्च को आयोजित “विश्व टकरा प्रतियोगिता” के उद्घाटन समारोह का एक वीडियो उन्होंने मीडिया चैनलों पर देखा। वीडियो में, उनके अनुसार, राष्ट्रगान बजने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बगल में खड़े व्यक्ति से बातचीत कर रहे थे, हँस रहे थे और बार-बार उसका शरीर छूते हुए दिखाई दे रहे थे। पासवान का कहना है कि राष्ट्रगान के दौरान इस तरह का व्यवहार न सिर्फ अनुचित है बल्कि राष्ट्र के सम्मान का भी अपमान है।
22 मार्च को अदालत में परिवाद संख्या 321/2025 के तहत यह मामला दाखिल किया गया, जिस पर CJM अदालत के प्रभारी न्यायाधीश मयंक पांडे ने सुनवाई की और मामले को गंभीर मानते हुए संज्ञान लिया।
वादी के अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि इस अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कोर्ट में बहस के दौरान यह तर्क दिया कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसा आचरण देश की गरिमा के खिलाफ है।
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय महाराज ने भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हमने भी वीडियो देखा है। यह दुखद है कि एक सार्वजनिक मंच पर राष्ट्रगान के दौरान मुख्यमंत्री गंभीर नहीं दिखे। बचपन से हम राष्ट्रगान के समय सावधान मुद्रा में खड़े होते आए हैं, लेकिन वीडियो में मुख्यमंत्री ताली बजाते और बगल के व्यक्ति को कुछ कहते दिख रहे हैं। यह निंदनीय है।”
विकास पासवान का कहना है कि उन्होंने यह मुकदमा सिर्फ इसलिए दायर किया क्योंकि उन्हें एक आम नागरिक और देशप्रेमी के नाते यह व्यवहार अस्वीकार्य लगा। “मैं चाहता हूँ कि ऐसे मामलों में कोई भले ही कितना बड़ा पदाधिकारी क्यों न हो, कानून सबके लिए समान हो,” उन्होंने कहा।
अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ती है और मुख्यमंत्री की ओर से क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।



