लेटेस्ट ख़बरे विधानसभा चुनाव ओपिनियन जॉब - शिक्षा विदेश मनोरंजन खेती टेक-ऑटो टेक्नोलॉजी वीडियो वुमन खेल बायोग्राफी लाइफस्टाइल

“आरबीआई का एटीएम शुल्क निर्णय: सीएम स्टालिन ने इसे ‘संस्थागत शोषण’ करार दिया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन द्वारा आरबीआई के एटीएम निकासी शुल्क के फैसले पर की गई कड़ी आलोचना, जिसमें इसे "संस्थागत शोषण" करार दिया गया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने रविवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के उस फैसले की कड़ी आलोचना की, जिसमें बैंकों को मासिक सीमा से अधिक एटीएम निकासी पर शुल्क लगाने की अनुमति दी गई है। उन्होंने इसे “संस्थागत शोषण” बताते हुए कहा कि यह कदम आम लोगों को उनकी जरूरत से ज्यादा पैसे निकालने के लिए मजबूर करेगा और यह डिजिटल इंडिया का सही मायने में प्रचार नहीं है।

स्टालिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “केंद्र सरकार ने सभी से बैंक खाते खोलने के लिए कहा था, फिर नोटबंदी की गई और ‘डिजिटल इंडिया’ को बढ़ावा दिया गया। इसके बाद क्या हुआ? डिजिटल लेन-देन पर शुल्क, न्यूनतम बैलेंस पर जुर्माना और अब आरबीआई ने बैंकों को मासिक सीमा से अधिक एटीएम निकासी पर ₹23 तक का शुल्क लगाने की अनुमति दे दी है। यह लोगों को उनकी जरूरत से अधिक पैसे निकालने के लिए मजबूर करेगा, खासकर गरीबों के वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को नष्ट कर देगा।”

उन्होंने आगे कहा, “मनरेगा के लाभार्थी, जो पहले से ही धन की कमी से जूझ रहे हैं, और हमारे केएमयूटी (कलैगनार मगलिर उरिमै थोगई योजना, जिसमें तमिलनाडु सरकार महिलाओं को ₹1,000 मासिक सहायता देती है) जैसे नकद हस्तांतरण लाभार्थी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। यह डिजिटलीकरण नहीं है, बल्कि संस्थागत शोषण है। गरीब स्वाइप करते हैं, अमीर मुस्कुराते हैं।”

स्टालिन का यह बयान इस समय आया है जब बैंकों द्वारा लगाए गए शुल्कों पर तीव्र बहस हो रही है। उनका आरोप है कि ये फैसले गरीबों को और भी अधिक वित्तीय संकट में डाल सकते हैं, जबकि बड़े बैंकों और अमीरों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

ताज़ा खबरों से अपडेट रहें! हमें फ़ॉलो जरूर करें X (Formerly Twitter), WhatsApp Channel, Telegram, Facebook रियल टाइम अपडेट और हमारे ओरिजिनल कंटेंट पाने के लिए हमें फ़ॉलो करें


OBC आवाज़ एक समर्पित समाचार मंच है, जो भारत में पिछड़े वर्ग (OBC) की आवाज़ को बुलंद करने और उनके उत्थान से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाने के लिए बनाया गया है। हमारा उद्देश्य समाज के उस वर्ग को सशक्त बनाना है, जिसे दशकों से हाशिए पर रखा गया है। हम राजनीति, शिक्षा, खेल, मनोरंजन, विदेश समाचार, विशेषज्ञों की राय और समाज में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ओबीसी नायकों की कहानियों को आपके सामने लाते हैं। OBC आवाज़ का लक्ष्य निष्पक्ष और तथ्यात्मक पत्रकारिता के माध्यम से ओबीसी समाज को जागरूक करना और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सशक्त बनाना है।

Leave a Comment