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धान की सीधी बोआई से किसानों को बड़ा फायदा, खर्च कम और उपज बराबर: योगी सरकार कर रही तकनीक को बढ़ावा

सीधी लाइन से धान की बोआई पर सरकार जोर दे रही है, जिससे किसानों का खर्च घटेगा, मेहनत कम होगी और पैदावार बराबर रहेगी। सरकार उपकरणों पर 50% सब्सिडी भी दे रही है।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए योगी सरकार खेती में नई तकनीकों को बढ़ावा दे रही है। अब खरीफ की मुख्य फसल धान की सीधी लाइन से बोआई को लेकर सरकार खासा जोर दे रही है। कृषि विभाग और वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगर किसान गेहूं की तरह धान भी लाइन में बोते हैं, तो प्रति हेक्टेयर करीब ₹12,500 तक की बचत हो सकती है, जबकि पैदावार में कोई फर्क नहीं आता।

गोरखपुर के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के वैज्ञानिक डॉ. एस.के. तोमर और मनोज कुमार बताते हैं कि इस तरीके से नर्सरी, पलेवा, रोपाई और मजदूरी का खर्च बच जाता है। हैप्पी सीडर और जीरो टिल ड्रिल जैसे मशीनों की मदद से ये काम आसान भी हो गया है।

सीधी बोआई के फायदे

  • खाद पौधों तक बेहतर तरीके से पहुंचती है
  • फसल की देखभाल करना आसान होता है
  • खरपतवार पर कंट्रोल बेहतर होता है
  • समय और मेहनत दोनों की बचत होती है

सरकार का साथ

सरकार इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को कृषि यंत्रों पर 50% तक की सब्सिडी दे रही है। किसानों को सलाह दी गई है कि फसल के हिसाब से लाइन या बेड बोआई का तरीका अपनाएं।

धान की बोआई से जुड़ी जरूरी बातें

बोआई का सही समय:
10 से 20 जून के बीच (तीसरा सप्ताह)। बाढ़ प्रभावित इलाकों में इससे पहले बोआई करना बेहतर रहेगा।

बीज की जरूरत:

  • हाइब्रिड – 8 किलो/हेक्टेयर
  • मोटे/मध्यम दानों वाला धान – 35 किलो/हेक्टेयर
  • महीन धान – 25 किलो/हेक्टेयर

खाद का अनुपात (NPK):
150:60:60 किलो/हेक्टेयर
शुरुआत में 130 किलो DAP डालें, बाकी सिंचाई से पहले या बाद में दें।

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बीज का उपचार:
1 किलो बीज में 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर उपचार करें।

गहराई:
बीज को 2-3 सेमी गहराई में बोएं, इससे अंकुरण अच्छा होता है।

खरपतवार कैसे कंट्रोल करें

  • बोआई के 24 घंटे बाद:
    खेत में नमी होनी चाहिए। 3.3 लीटर पैडी मिथीलिन 30 EC को 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • 25 दिन बाद:
    100 मिली नोमिनीगोल्ड या एडोरा को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
  • मोथा जैसी घास के लिए:
    सनराइस 50-60 ग्राम का इस्तेमाल करें।

पारंपरिक बनाम नई तकनीक

अब भी देश में कई किसान पारंपरिक तरीके से धान की खेती करते हैं, जिससे लागत ज्यादा आती है और मेहनत भी ज्यादा लगती है। सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है।

पीएम मोदी के “विकसित भारत संकल्प अभियान” के तहत किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की कोशिश हो रही है। योगी सरकार भी चाहती है कि किसान कम खर्च में ज्यादा कमाएं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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