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DRDO की CQB कार्बाइन सेना को मिली

DRDO और भारत फोर्ज ने मिलकर 5.56x45 mm की अत्याधुनिक CQB कार्बाइन विकसित की है, जो क्लोज क्वार्टर बैटल के लिए आदर्श है।

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ARDE) के सहयोग से 5.56×45 mm की नई क्लोज क्वार्टर बैटल (CQB) कार्बाइन विकसित की है। यह कार्बाइन भारतीय सेना की लंबे समय से चली आ रही जरूरत को पूरा करती है, जिसमें पुराने 9mm स्टर्लिंग कार्बाइन की जगह एक हल्का, आधुनिक और ज्यादा घातक हथियार चाहिए था। भारतीय सेना ने इस कार्बाइन के लिए लगभग ₹2,000 करोड़ की बोली लगाई है और 4,25,213 CQB कार्बाइन खरीदने की योजना बनाई है, जो अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी हथियार ऑर्डर है।

आधुनिक डिजाइन और जबरदस्त फायरपावर

नई CQB कार्बाइन खासतौर पर नजदीकी लड़ाई यानी क्लोज क्वार्टर बैटल के लिए डिजाइन की गई है। इसका वजन करीब 3 किलो है, जिससे सैनिक इसे आसानी से लंबे समय तक ले जा सकते हैं। यह 5.56×45 mm NATO स्टैंडर्ड की गोलियां चलाती है, जो INSAS राइफल में भी इस्तेमाल होती हैं। इससे सेना को लॉजिस्टिक्स में भी आसानी होगी, क्योंकि एक ही तरह की गोलियां कई हथियारों में चल सकेंगी।
कार्बाइन की सबसे बड़ी खासियत है—इसकी सटीकता और कम रीकॉइल। यह हथियार सिंगल शॉट और ऑटोमैटिक दोनों मोड में फायर कर सकता है। 100-150 मीटर तक यह बेहद सटीक निशाना लगा सकता है, जो शहरों, जंगलों या आतंकवाद-रोधी ऑपरेशन के लिए आदर्श है। इसमें मॉड्यूलर रेल सिस्टम है, जिस पर नाइट विजन, लेजर लाइट, या एडवांस साइट्स आसानी से लगाई जा सकती हैं।

हर मौसम और हर मिशन में भरोसेमंद

इस CQB कार्बाइन ने सेना के सभी कठिन टेस्ट—राजस्थान की गर्मी, लद्दाख की ठंड, बारिश, धूल, कीचड़, हर हालात में शानदार प्रदर्शन किया है। केंद्रीय पुलिस बलों और राज्य पुलिस (जैसे यूपी पुलिस) ने भी इसे टेस्ट किया और यह हर जगह पास हुई। इसे भारत फोर्ज (Bharat Forge) की पुणे स्थित फैक्ट्री में Kalyani Strategic Systems (KSS) द्वारा बनाया जाएगा, जिससे देश में रोजगार भी बढ़ेगा और पैसा भारत में ही रहेगा।

विदेशी कंपनियों को पछाड़ा, पूरी तरह देसी हथियार

इस टेंडर में इजरायल, अमेरिका जैसी विदेशी कंपनियां भी शामिल थीं, लेकिन रक्षा मंत्रालय की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के तहत सिर्फ भारतीय कंपनियों को मौका दिया गया। DRDO और भारत फोर्ज की इस कार्बाइन ने सभी तकनीकी, गुणवत्ता और कीमत के मानकों पर विदेशी हथियारों को पछाड़कर सबसे कम कीमत (L1) पर सेना की जरूरतें पूरी कीं।

सेना और स्पेशल फोर्सेज के लिए गेम-चेंजर

यह कार्बाइन भारतीय सेना के अलावा NSG, CRPF, BSF, और राज्य पुलिस बलों के लिए भी गेम-चेंजर साबित होगी। इसका छोटा आकार, हल्का वजन, कम रीकॉइल और मॉड्यूलर डिजाइन इसे आतंकवाद-रोधी, शहरी और जंगल युद्ध के लिए आदर्श बनाता है। इसका इस्तेमाल NSG जैसे स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप्स ने भी शुरू कर दिया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और बढ़ जाती है।

DRDO और भारत फोर्ज की 5.56×45 mm CQB कार्बाइन भारतीय सेना के लिए एक आधुनिक, हल्का, सटीक और पूरी तरह स्वदेशी हथियार है। यह न सिर्फ सेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को भी नई ऊंचाई देगा। अब भारतीय सैनिकों के हाथ में होगा एक ऐसा हथियार, जो हर मिशन में भरोसेमंद साथी साबित होगा।

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रीतु कुमारी OBC Awaaz की एक उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई बीजेएमसी (BJMC), JIMS इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस ग्रेटर नोएडा से पूरी की है। वे समसामयिक समाचारों पर आधारित कहानियाँ और रिपोर्ट लिखने में विशेष रुचि रखती हैं। सामाजिक मुद्दों को आम लोगों की आवाज़ बनाकर प्रस्तुत करना उनका उद्देश्य है। लेखन के अलावा रीतु को फोटोग्राफी का शौक है, और वे एक अच्छी फोटोग्राफर बनने का सपना भी देखती है। रीतु अपने कैमरे के ज़रिए समाज के अनदेखे पहलुओं को उजागर करना चाहती है।

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