समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी ने अपने छोटे भाई विनय शंकर तिवारी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने साफ कहा कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। भीष्म तिवारी का मानना है कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिसके जरिए उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
ईडी ने हाल ही में विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी के माध्यम से सात बैंकों से लिए गए लोन में अनियमितताएं कीं। हालांकि भीष्म तिवारी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि लोन पूरी तरह वैध ढंग से लिया गया था और इससे जुड़ी हर प्रक्रिया बैंक ने जांच के बाद की थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोन किसी प्राइवेट फायदे के लिए नहीं बल्कि एक सरकारी कार्य के लिए लिया गया था, जिसे नियमानुसार पूरा भी कर दिया गया है।
भीष्म तिवारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया और कहा, “जब काम पूरा हो चुका है और बैंक कोर्ट में अपनी बात रख चुका है, तब ईडी की कार्रवाई की कोई ठोस वजह नहीं बचती। उन्होंने दावा किया कि उनके घरवालों ने हमेशा गरीबों और वंचितों की आवाज़ बुलंद की है और शायद इसी कारण से उन्हें टारगेट किया जा रहा है। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि इसके पीछे कौन लोग हैं, तो उन्होंने सीधा नाम न लेते हुए कहा, “जो हो रहा है, वो सबको पता है।”
यह बयान उस समय आया है जब उत्तर प्रदेश में वक्फ कानून को लेकर राजनीतिक माहौल पहले से ही गर्म है। ऐसी घड़ी में तिवारी परिवार जैसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के खिलाफ हुई यह कार्रवाई उनके समर्थक साफ शब्दों में बदले की कार्रवाई माने जा रहे हैं। भीष्म तिवारी ने आशा जताई कि उन्हें और उनके परिवार को अदालत से पूरा न्याय होगा।