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मुंबई की ऑटो से वैश्विक म्यूजिक चार्ट्स तक का सफर  

ब्रिटिश सिंगर एड शीरन की भारत यात्रा ने संगीत और संस्कृति का सेतु रचा। मुंबई की गलियों, पंजाबी गीतों और भारतीय लोकधुनों से सजे उनके नए एल्बम 'सैफायर' ने वैश्विक मंच पर भारतीय भावना को उजागर किया।

ब्रिटिश सुपरस्टार एड शीरन ने जब मुंबई की भीड़भाड़ भरी सड़कों पर पीले-हरे ऑटो रिक्शा में सवार होकर पंजाबी बोल चम-चम चमके सितारे वरगी… गुनगुनाए, तो यह एक सोची-समझी कलात्मक घोषणा थी। इस वीडियो का प्रत्येक फ्रेम भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी श्रद्धा से ओतप्रोत था। शूटिंग के पीछे की कहानी उतनी ही रोचक है जितना वीडियो स्वयं एड की टीम ने बताया कि यह विचार 2023 की उनकी भारत यात्रा के दौरान जन्मा, जब वे मुंबई के एक स्थानीय ऑटो ड्राइवर रवि पाटिल के साथ शहर भ्रमण कर रहे थे। रवि, जो आज इस वीडियो में ड्राइवर के रूप में दिखाई देते हैं, ने एड को शहर के असली मुंबई से परिचित कराया, धारावी की कलात्मक गलियों से लेकर लोकल ट्रेन के अनूठे अनुभव तक।  

14 घंटे की मैराथन शूटिंग के दौरान एड ने कोई विशेष सुरक्षा व्यवस्था नहीं चुनी। वे सुबह 5 बजे बांद्रा सीफेस से शुरुआत करते हुए, स्थानीय वडापाव स्टाल पर नाश्ता किया, जहाँ उन्होंने विकास नामक एक कॉलेज छात्र को गिटार पर बॉलीवुड गाने गाते देखा। सहज भाव से एड ने उसके साथ जैम सेशन शुरू कर दिया, जो वीडियो में एक मार्मिक क्षण बना। फिर वे रवि के ऑटो में सवार हुए, जिसके पीछे “एडविंदर सिंह : जर्नी टू द हार्ट” लिखा था। मार्ग में उन्होंने दादर फूल मार्केट में महिलाओं के साथ गुलाब के हार बनाए, महालक्ष्मी धोबी घाट पर कपड़ों के ढेर के बीच फोटो खिंचवाई, और चेंबूर की एक चाय की दुकान पर ‘कटिंग चाय’ की चुस्कियाँ लीं।  

संगीत निर्देशक सचिन-जिगर ने एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि गाने में शामिल तबला और सितार की धुनें सीधे मुंबई में रिकॉर्ड की गईं। एड ने मोहम्मद रफीक के घर जाकर उनके परिवार के साथ रिकॉर्डिंग की, जहाँ तीन पीढ़ियों से तबला वादन की परंपरा रही है। वे चाहते थे कि संगीत में मुंबई की आत्मा समाए। गाने का पंजाबी हिस्सा एड ने गुरदास मान के साथ वीडियो कॉल पर घंटों रिहर्सल के बाद रिकॉर्ड किया। उनकी डायरी में लिखे नोट्स दिखाते हैं कि उन्होंने प्रत्येक पंजाबी शब्द का भावनात्मक अर्थ समझने में सप्ताह बिताए।  

फैंस की दीवानगी: सोशल मीडिया पर सांस्कृतिक तूफान

वीडियो रिलीज होते ही भारतीय सोशल मीडिया पर जो तूफान उठा, वह डिजिटल इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। #EdwinderSingh टैग ने पहले 24 घंटों में 2.3 मिलियन बार इंगेजमेंट प्राप्त किया। परंतु असली जादू तो साधारण भारतीयों की प्रतिक्रियाओं में था। पंजाब के गाँव लंगोवाली के युवाओं ने एड का एक पोर्ट्रेट बनाया जहाँ वे पगड़ी और कुर्ते में थे, कैप्शन था: हमारा नया भाई। एड ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा: मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। 

72 वर्षीय पंजाबी कवयित्री अमरीन कौर ने फेसबुक पर एक कविता पोस्ट की जो वायरल हुई: “जब सितारों ने चमकना सीखा तो एक अंग्रेज सिख बन गया, उसकी आवाज़ में बहती रावी, दुनिया ने पंजाब को नया पहचाना। मुंबई की कॉलेज छात्रा प्रियंका शर्मा ने टिकटॉक पर वायरल वीडियो बनाया जहाँ उनके दादा-दादी, जो अंग्रेजी नहीं समझते, एड का गाना सुनकर झूम उठे। उनके दादाजी का कथन: यह फिरंगी दिल से हिंदुस्तानी है, भारतीयों के हृदय को छू गया।  

वीरेंदर सिंह नामक एक यूजर ने ट्विटर पर मजाकिया माँग की: एडविंदर सिंह के लिए आधार कार्ड + पैन कार्ड + पंजाबी सिख सर्टिफिकेट जारी किया जाए! परंतु कुछ प्रतिक्रियाएँ गंभीर विश्लेषण करती थीं। सांस्कृतिक मनोवैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने बताया: एड ने जिस प्रकार सांस्कृतिक विनम्रता दिखाई, वह भारतीय मानस में गहरा प्रतिध्वनित होती है। उन्होंने पंजाबी को ‘एक्ज़ॉटिक’ बनाने के बजाय उसे प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया।

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गोवा की रचनात्मक जन्मभूमि: प्ले एल्बम की गर्भकथा

प्ले एल्बम की नींव एड शीरन के जीवन के सबसे अंधेरे दौर में पड़ी। 2022 में तलाक और कलात्मक ब्लॉक से जूझ रहे एड ने भारत आकर आध्यात्मिक शरण लेने का निश्चय किया। उनका चयन गोवा के एक छिपे हुए आश्रम शांति निलयम पर पड़ा, जहाँ उन्होंने 21 दिनों तक कठिन साधना की। आश्रम की संस्थापक माता अमृतानंदमयी के सानिध्य में बिताए समय को एड ने “जीवन का पुनर्जन्म” बताया। एकांत कक्ष में बैठकर उन्होंने अपनी डायरी में लिखा: आज पहली बार समझा कि संगीत सिर्फ सुर नहीं, आत्मा की सांस है।

यहीं पर उनकी मुलाकात गोवा के प्रसिद्ध लोक गायक रेमो फर्नांडीस से हुई। रेमो ने उन्हें कोनकणी लोकगीत हण्व जा (चलो चलें) सिखाया, जिसने एल्बम के ट्रैक ओशन इमोशंस की आधारशिला रखी। एड ने स्थानीय कलाकारों के साथ मिलकर पारंपरिक घुमट नृत्य सीखा, जिसके चरण उनके म्यूजिक वीडियो में स्पष्ट दिखाई देते हैं।  

रिकॉर्डिंग का स्थान स्वयं एक ऐतिहासिक चमत्कार था ; पणजी का फोंटेनहास म्यूजिक स्टूडियो, जहाँ 1974 में पंडित रविशंकर ने जॉर्ज हैरिसन के साथ रिकॉर्ड किया था। स्टूडियो मैनेजर राजीव मेहता ने बताया: एड ने उसी कमरे में रिकॉर्ड किया जहाँ रविशंकर जी बैठा करते थे। उन्होंने कहा कि यहाँ की दीवारें संगीत की पवित्र वाइब्स से गूँजती हैं। 

एल्बम के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई भारतीय संगीतकार राहुल शर्मा ने, जिन्होंने बताया: एड ने भारत आने से पहले छह महीने पंजाबी संगीत का गहन अध्ययन किया था। उनका नोटबुक ‘पंजाबी म्यूजिक एनाटॉमी’ बॉलीवुड के क्लासिक्स से लेकर गुरदास मान के गीतों के विश्लेषण से भरा हुआ था।

वैश्विक संगीत में भारतीय धड़कन: एक ऐतिहासिक परिवर्तन 

सैफायर में पंजाबी बोलों का समावेश वैश्विक संगीत इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। संगीत इतिहासकार डॉ. विवेक तनेजा इस घटना को 1960 के दशक में बीटल्स द्वारा सितार को अपनाने जितना महत्वपूर्ण मानते हैं: परंतु एड ने जो क्रांति की है, वह अधिक गहरी है। उन्होंने भारतीय भाषा को मुख्यधारा में स्थापित किया, न कि केवल वाद्ययंत्रों तक सीमित रखा। यह सांस्कृतिक समानता का नया युग है।  

इस गाने के प्रभाव का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि रिलीज से पूर्व ही यह 18 देशों के ट्रेंडिंग चार्ट्स में शामिल हो गया। बीबीसी रेडियो 1 पर पंजाबी बोलों वाला यह पहला गाना बना जिसने यूके चार्ट में #3 स्थान प्राप्त किया। पाकिस्तानी गायक अली ज़फर ने ट्वीट किया: “यह सम्पूर्ण दक्षिण एशियाई संस्कृति के लिए गौरव का क्षण है। 

सांस्कृतिक प्रभाव सिर्फ संगीत तक सीमित नहीं रहा। कनाडा के ब्रैम्पटन शहर ने, जहाँ भारी संख्या में पंजाबी समुदाय निवास करता है, एड शीरन को सांस्कृतिक राजदूत घोषित किया। शहर के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने कहा: उन्होंने हमारी विरासत को वैश्विक मंच दिया है।  

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रीतु कुमारी OBC Awaaz की एक उत्साही लेखिका हैं, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई बीजेएमसी (BJMC), JIMS इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस ग्रेटर नोएडा से पूरी की है। वे समसामयिक समाचारों पर आधारित कहानियाँ और रिपोर्ट लिखने में विशेष रुचि रखती हैं। सामाजिक मुद्दों को आम लोगों की आवाज़ बनाकर प्रस्तुत करना उनका उद्देश्य है। लेखन के अलावा रीतु को फोटोग्राफी का शौक है, और वे एक अच्छी फोटोग्राफर बनने का सपना भी देखती है। रीतु अपने कैमरे के ज़रिए समाज के अनदेखे पहलुओं को उजागर करना चाहती है।

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