यूरोपीय संघ ने अपने नागरिकों को 72 घंटे के लिए पर्याप्त भोजन, पानी और आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करने की सलाह देकर हलचल मचा दी है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चरम पर है और संघर्षविराम वार्ताएँ अब तक पूरी तरह सफल नहीं हो सकी हैं।
NATO की चेतावनी से हड़कंप
NATO द्वारा जारी इस निर्देश के बाद यूरोप में कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, महामारी और सैन्य हमलों से निपटने की तत्परता बढ़ाना है। यूरोपीय संघ की इस चेतावनी के पीछे संभावित कारणों में विनाशकारी बाढ़, आग, और युद्ध की संभावना को लेकर रणनीतिक तैयारी शामिल हो सकती है।
क्या यूरोप पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा?
इससे पहले, यूरोपीय संघ ने रूस को कड़ी चेतावनी दी थी कि यदि उसने पोलैंड पर हमला किया तो उसे गंभीर प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में, नागरिकों को आपातकालीन तैयारियों के निर्देश ने अटकलों को और बढ़ा दिया है।
यूरोपीय आयोग की सफाई
यूरोपीय आयोग का कहना है कि वह नागरिकों को “संभावित संकटों के लिए तैयार रहने, घरेलू आपातकालीन योजनाएँ विकसित करने और आवश्यक आपूर्ति भंडारण करने” के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। हालांकि, इसे यूरोपीय सुरक्षा रणनीति की पहली रूपरेखा की तैयारी का हिस्सा भी माना जा रहा है।
NATO की यह चेतावनी केवल एक एहतियाती कदम हो सकता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जारी यह चेतावनी आने वाले समय में यूरोप के लिए किसी बड़े संकट के संकेत के रूप में भी देखी जा रही है।