मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, जिसमें महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 2017 की वार्ड संरचना और ओबीसी के लिए 27% आरक्षण के साथ कराने का आदेश दिया गया है। इस फैसले से नगर निगम, नगर परिषद, जिला परिषद और अन्य स्थानीय निकायों के लंबे समय से रुके हुए चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है।
फडणवीस ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने पहले भी कहा था कि पुराने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव होंगे, और अब इसकी फिर से पुष्टि हुई है। इसका मतलब है कि आने वाले स्थानीय चुनावों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू होगा। साथ ही, कोर्ट ने साफ किया कि चुनाव 2022 की नहीं, बल्कि 2017 की वार्ड संरचना के आधार पर होंगे। राज्य सरकार की दोनों मांगें मान ली गई हैं।
औसा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अफसर शेख ने कोर्ट में मांग की थी कि 2022 की नई वार्ड संरचना के आधार पर चुनाव हों। लेकिन नई वार्ड संरचना की प्रक्रिया पहले से चल रही है और एक महीने में पूरी हो सकती है। कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया।
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि आगामी स्थानीय चुनाव 27% ओबीसी आरक्षण और नई वार्ड संरचना के साथ होंगे। उन्होंने बताया, 6 मई 2025 के फैसले में कोर्ट ने 27% आरक्षण के साथ चुनाव की बात कही थी। आज के फैसले में इसे दोहराया गया है और नई वार्ड संरचना के साथ चुनाव कराने की बात कही गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वार्ड बनाना और उसकी संरचना तय करना राज्य सरकार का अधिकार है।
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव छोटे विधानसभा चुनाव जैसे होंगे। शहरी क्षेत्रों में 29 नगर निगम (जिनमें जलना और इचलकरंजी नए हैं) में कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है, सभी प्रशासकों के पास हैं। 248 नगर परिषदों में भी प्रशासक हैं। 147 नगर पंचायतों में से 42 में चुनाव होंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में, 34 जिला परिषदों में से 32 में प्रशासक हैं, केवल भंडारा और गोंदिया का कार्यकाल मई 2027 तक है। 351 पंचायत समितियों में से 336 में प्रशासक हैं, जहां चुनाव होंगे।